उत्तराखंड की राजधानी देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में डेंगू का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। समान्य से लेकर खास वर्ग का हर कोई डेंगू की चपेट में आ रहा है। पिछले डेढ़ – दो महीने से नगर में डेंगू की स्थिति विकराल बनी हुई है। बीते शनिवार को भी जिले में डेंगू के 17 नए मामले सामने आये है। हालाँकि राहत की बात है, पिछले 8-9 दिनों से डेंगू से किसी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सीजन में देहरादून जिले में अभी तक डेंगू के 876 मामले सामने आ चुके है, और वर्तमान में डेंगू के 52 एक्टिव केस है। जबकि हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे है। दरअसल एडिस मच्छर की सक्रियता के लिए मौजूदा मौसम मुफीद बना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, वातावरण में जब तक तापमान का स्तर 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आ जाता है, तब तक एडिस मच्छर की सक्रियता बनी रह सकती है।
वहीं डेंगू के बढ़ते खतरे के मद्देनजर मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून ने सभी शासकीय, अशासकीय, निजी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, अभिभावकों को एसएमएस अथवा अन्य दूसरे माध्यम से डेंगू को लेकर जानकारी देने और बच्चों को जागरूक करने के लिए कहा है। सीबीएसई की ओर से जारी एडवाइजरी में स्कूली बच्चों को जुलाई से लेकर नवंबर तक फूल बाजू के कपड़े पहनने की सलाह दी गई है।
बता दें, डेंगू के उन्मूलन के लिए जिला प्रशासन की लार्वा खोजी टीम नगर में व्यापारिक प्रतिष्ठानों से लेकर लोगो के घरों तक में जांच कर रही है। जांच के दौरान जहां भी मच्छरों के लार्वा पाया जा रहा है, वहां चालान की कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही लार्वा को तत्काल नष्ट किया जा रहा है। बीते शनिवार को फील्ड में उतरी जिला प्रशासन की टीम को ज्ञात हुआ, कि मछली की पेटियों से लेकर फलों की क्रेट तक में लार्वा पनप रहा है। ऐसे प्रतिष्ठान को सख्त चेतावनी देने के साथ ही उनका चालान भी काटा जा रहा है।