समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, उनकी बेगम और पूर्व सांसद तंजीम फातिमा व उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई है। रामपुर की MP-MLA अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा का ऐलान किया है। अदालत ने तीनों दोषियों को सीधे जेल भेजे जाने के निर्देश भी दिए है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान और उनके परिवार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसी क्रम में रामपुर की अदालत ने आजम खान, उनकी बेगम तंजीम फातिमा और उनकी औलाद अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में दोषी करार देते हुए सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई है।
BREAKING: Samajwadi Party leader Azam Khan, wife Tazeen Fatima and son Abdullah Azam found guilty in fake birth certificate case by Rampur Court.
Sentenced to seven years imprisonment each pic.twitter.com/UBqBwfnJm4
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) October 18, 2023
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मामला अब्दुल्ला आजम खान के दो जन्म प्रमाण पत्र से जुड़ा हुआ है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने वर्ष 2019 में मुकदमा दर्ज करवाया था। शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार ने जानकारी दी है, कि अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में तीनों को कारावास का दंड सुनाया है। गंज थाने में अब्दुल्ला आजम के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया गया था। इस मामले आजम खान, उनकी बेगम और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को आरोपी बनाया गया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, फर्जी प्रमाण पत्र का यह मामला वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है। तब अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा की टिकट से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उनकी जीत भी हुई थी, लेकिन चुनाव परिणामों के बाद उनके खिलाफ हाई कोर्ट में केस दाखिल कर दिया गया था। अब्दुला पर आरोप था, कि अब्दुल्ला आजम ने नामांकन फार्म में जो आयु बताई थी, असल में उनकी उम्र उतनी नहीं है।
जानकारी के अनुसार, अब्दुल्ला आजम ने साल 2017 में जिस जन्म प्रमाण के आधार पर चुनाव लड़ा था, उसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 बताई गई थी। ये जन्म प्रमाण लखनऊ से वर्ष 2015 में जारी किया गया था। वहीं, दूसरे जन्म प्रमाण पत्र को रामपुर से साल 2012 में जारी किया गया था। उस जन्म प्रमाण पत्र में उनका जन्म 1 जनवरी, 1993 दिखाया गया है, शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में भी यही जन्म तिथि दर्ज की गई थी।
रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र में उनका जन्मस्थान रामपुर बताया गया है, जबकि लखनऊ से जारी जन्म प्रमाण पत्र में उनका जन्म स्थान लखनऊ दिखाया गया था। बता दें, समाजवादी नेता आजम खान को अब तक दो मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। दिसंबर 2022 में उन्हें कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी।
वहीं इस वर्ष के आरंभ में रामपुर की सीट पर आकाश सक्सेना ने उपचुनाव में जीत हासिल की। गौरतलब है, कि पहली बार रामपुर विधानसभा सीट पर कोई हिंदू विधायक निर्वाचित हुआ है। आकाश सक्सेना की शिकायत पर ही अब कोर्ट ने आजम खान, अब्दुला आजम और तंजीम फातिमा को सात-सात साल की सजा सुनाई है।