फर्जी रसीद बुक छपवाकर चंदा मांगने वालो को उस समय ‘लेने के देने’ पड़ गए जब वो पूरे आत्मविश्वास के साथ चंदे की रसीद काटने एसपी देहात के कार्यालय पहुंच गए। गौरतलब है, फर्जी चंदा मांगने वालो की चंदे की रसीद तो नहीं कटी, लेकिन पुलिस ने उनका चालान जरूर काट दिया है। तलाशी के दौरान पुलिस ने उनके पास से चंदे से जमा कुछ धनराशि भी बरामद की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते बुधवार की दोपहर तहसील परिसर में दो व्यक्ति चंदे की रसीद काट रहे थे। इस दौरान उन्होंने चंदे से लगभग 600 रुपये भी जमा कर लिए। इसके बाद दोनों चंदे की रसीद काटने एसपी देहात ऑफिस तक पहुंच गए। कार्यालय में उन्होंने भंडारा आयोजित करने की बात कहते हुए कार्यालय में तैनात सिपाहियों से चंदा मांगा। इस पर एक सिपाही ने रसीद बुक की जांच की, तो उसमें भंडारा आयोजन स्थल का कोई नाम-पता दर्ज नहीं था।
चंदा मांग रहे लोगों पर संदेह होने पर सिपाही ने उनसे सख्त लहजे में पूछताछ की, तो उन्होंने घबराकर सबकुछ उगल दिया। दोनों ने बताया, कि वे फर्जी रसीद बुक छपवाकर चंदा इक्कठा कर रहे थे। इस पर पुलिस दोनों को पकड़कर सिविल लाइंस कोतवाली ले आई और गहनता से पूछताछ की। सच्चाई सामने आने पर दोनों अपनी गलती पर हाथ जोड़कर माफी मांगने लगे।
कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने जानकारी दी है, दोनों आरोपितों ने पूछताछ में खुद को कमरपाल और सुशील निवासी गांव अलवासपुर, थाना मंडी, जिला मुजफ्फरनगर निवासी बताया है। दोनों के पास से चंदे की रकम के तौर पर जमा 600 रुपये भी बरामद हुए हैं। दोनों के बारे में गहनता से जांच की जा रही है।