देवभूमि उत्तराखंड में अब दरगाह, मस्जिद और मदरसों को भी अपनी आय और संपत्तियों की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। उत्तराखंड में राज्य सूचना आयोग ने वक्फ बोर्ड को सूचना के अधिकार कानून के तहत सम्मलित कर लिया है।
दरअसल वक्फ अधिनियम-1995 (संशोधित 2013) के अंतर्गत इन पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का नियंत्रण तो है, लेकिन हिसाब-किताब में पारदर्शी प्रणाली से हमेशा पल्ला झाड़ लिया जाता है। इसके चलते वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन ने लोक सूचनाधिकारियों की तैनाती से परहेज किया जाता रहा है। हालांकि अब नए आदेश के बाद ऐसी मनमर्जी नहीं चलेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा शासित राज्य में वक्फ बोर्ड भी अब सूचना के अधिकार कानून (RTI) के दायरे में आ गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह फैसला वक्फ बोर्ड के स्वामित्व वाली संपत्तियों और उनसे संबंधित फंडिंग के विषय में कम जानकारी उपलब्ध होने के चलते लिया गया है।
दरअसल, वक्फ संपत्तियों का सूचना का अधिकार अधिनियम से ऐतराज का मामला नगर पंचायत पिरान कलियर निवासी अधिवक्ता दानिश सिद्दीकी के आरटीआई आवेदन के जरिये से सामने आया था। जुलाई 2022 में वकील दानिश सिद्दीकी ने उत्तराखंड वक्फ बोर्ड से आरटीआई के तहत कलियर दरगाह के विषय में सूचना माँगी थी। जिसके जवाब में उन्हें बताया गया, कि पिरान कलियर में कोई लोक प्राधिकारी नहीं है, लिहाजा इस संबंध में सूचना नहीं दी जा सकती।
प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी स्तर से भी जानकारी नहीं मिलने पर मामला राज्य सूचना आयोग पहुंचा। सिद्दीकी की अपील पर राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने वक्फ बोर्ड के अधिकारियों से जवाब-तलब कर उनसे वक्फ अधिनियम और वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण को लेकर स्पष्ट और सही जानकारी उपलब्ध कराने को कहा।
इसके बाद यह ज्ञात हुआ, कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अधीन होने के बावजूद कलियर शरीफ दरगाह सहित अन्य वक्फ संपत्तियों को सूचना के अधिकार से बाहर रखा गया था। केवल बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ही वक्फ संपत्ति के दस्तावेजों आदि की जाँच-परख कर सकते है। इसके बाद सूचना आयुक्त ने इस मामले में पूर्व और मौजूदा मुख्य कार्यपालक अधिकारी से भी जवाब-तलब किया।
इसके तहत पिरान कलियर दरगाह के प्रबंधन को आरटीआई एक्ट के दायरे में लाने के आदेश दिए गए। साथ ही यहाँ लोक सूचना अधिकारी को भी तैनात करने को कहा गया। इस केस की सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयुक्त ने अन्य सभी वक्फ बोर्ड और वक्फ संपत्तियों को भी आरटीआई एक्ट के दायरे में लाने का आदेश दिए।
इसके साथ ही छह महीने के अंदर आरटीआई एक्ट की धारा-4 के तहत मैनुअल बनाने का निर्देश दिया। आयोग के कड़े रवैये के बाद उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने वक्फ संपत्तियों को आरटीआइ एक्ट के दायरे में लाने के आदेश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सूचना देने के लिए विधिसम्मत व्यवस्था बनाने को कहा है। बता दें, कि राज्य में लगभग 2200 वक्फ संपत्तियाँ वक्फ बोर्ड में पंजीकृत है।