नैनीताल स्थित अवैध मदरसे पर प्रशासन द्वारा बुलडोजर की कार्रवाई की गई है। इस मदरसे पर बीती 8 अक्टूबर 2023 को छापा पड़ा था। छापे के दौरान मदरसे से 24 बच्चे बरामद किये गए थे, जो बेहद बीमार और बहुत दयनीय स्थिति में थे। प्रशासन द्वारा अवैध मदरसे की गहनता से जाँच- पड़ताल के बाद इसे ध्वस्त कर दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना के बाद मदरसे के संचालक को इस संबंध में नोटिस भी जारी किया गया था, जिसके जवाब से जिला प्रशासन संतुष्ट नहीं हुआ। इसके बाद अवैध मदरसे को कोर्ट से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर इसके 266 वर्गमीटर हिस्से को बुलडोजर से ढहा दिया गया है।
जोली कोट स्थित इस मदरसे को लेकर कुछ अचंभित करने वाले खुलासे भी हुए थे। इस मदरसे में छापेमारी के दौरान प्रशासन को कई अनियमितताएँ भी मिली थी। बताया जा रहा है, कि 2010 से ये मदरसा संचालित किया जा रहा था। जिलाधिकारी को इन अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त होने के बाद हल्द्वानी की सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और तहसीलदार संजय सिंह को मौके पर भेजा गया था।
टीम को अवैध मदरसे की चेंकिंग के दौरान 24 बच्चे बेहद बुरी हालात में मिले। बच्चों के बीमार होने के बावजूद उनके इलाज के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई थी। उनके हाथ-पाँव में चोट के निशान भी मिले थे। बच्चों ने जानकारी दी, कि उनके साथ मारपीट की जाती थी, उनमें से कई भाग भी गए है। छापेमारी के दौरान टीम को सफाई व्यवस्था में भी कई गड़बड़ियाँ मिली।
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने मीडिया को बताया, कि कमरे भी गंदे थे और बच्चों के पीने के लिए शुद्ध पानी तक उपलब्ध नहीं था। उनके रहने के लिए कोई साफ-सुथरी जगह नहीं थी। इसके अलावा बच्चो को खाने के लिए भोजन तक ठीक से नहीं मिलता था। मदरसे में गंदगी का अंबार लगा हुआ था।
प्रशासन की टीम द्वारा मदरसा सील किये जाने के दौरान मदरसे में रहने वाले सभी बच्चों के अभिभावकों को बुलाया गया और उनके साथ तालीम लेने वाले छात्रों को घर भेजा जा रहा है। जाँच की जा रही है, कि बच्चों के शरीर पर चोट के निशान कहाँ से आये है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड में लगभग 50 ऐसे अवैध मदरसे बताए जा रहे हैं, जिन्हें नियम-कानून का पालन किए बगैर अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार अवैध मदरसों को लेकर बेहद सख्त है।