देवभूमि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन सकता है, जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किया जायेगा। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस रंजना देसाई के नेतृत्व वाली कमेटी कुछ ही दिनों में राज्य सरकार को ये ड्राफ्ट सौंपने जा रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो अगले सप्ताह UCC लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, संवैधानिक व्यवस्था के तहत कुछ ही दिनों में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो सकता है। दो दिन पहले उत्तराखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता पर बड़ा संकेत देते हुए कहा था, कि इसकी शुरुआत उत्तराखंड से होगी। कमेटी की रिपोर्ट को लेकर सामने आई जानकारी के अनुसार, इसमें लैंगिक समानता और पैतृक संपत्तियों में बेटियों के लिए समान अधिकार की बात कही गई है।
रिपोर्ट में महिलाओं की शादी की उम्र को बढ़ाकर 21 साल करने का कोई जिक्र नहीं है। कमेटी की तरफ से दिए गए सुझाव में कहा गया है, कि महिलाओं की शादी की उम्र को 18 साल ही रखना चाहिए। इस बिल का उद्देश्य एक ऐसा कानून बनाना है, जो शादी, तलाक, विरासत और गोद लेने से जुड़े मामलों में सभी समुदाय पर समानता से लागू हो।
सीएम धामी ने कहा, उत्तराखंड में सभी लोग आपसी सौहार्द के साथ रहते है, लेकिन लोगों को धोखा देकर, लालच देकर और गुमराह करके धर्म परिवर्तन कराया जा रहा। देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिए इसे रोकना बेहद आवश्यक है। उत्तराखंड एक शांतिपूर्ण राज्य है, जहां बेहतरीन कानून व्यवस्था है। पिछले कुछ समय से लोग यहां अवैध रूप से बस रहे है, जिससे जनसांख्यिकीय परिवर्तन भी देखने को मिला है।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य स्थापना दिवस पर कहा, कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है। राज्य में पर्यटन को और बढ़ावा दिया जा रहा है। केदारनाथ की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र के प्राचीन मंदिर को विकसित किया जा रहा है। हमारा राज्य आज 23 साल का हो गया है। उन्होंने कहा, कि अपने 23वें वर्ष में उत्तराखंड ने देश के सबसे सख्त नकल विरोधी और धर्मांतरण विरोधी कानूनों को लागू होते देखा है। हमने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण दिया है।
बता दें, कि विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐलान किया था। समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन के लिए एक ड्राफ्ट तैयार करने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। अनुमान लगाया जा रहा है, कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी UCC को जातिगत आरक्षण और INDI गठबंधन की काट के रूप में भी पेश कर सकती है।