उत्तरकाशी में सिलक्यारा से डंडालगाँव तक निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा ढहने से टनल के अंदर 30 से 35 मजदूरों के फँसने की खबर सामने आ रही है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर राहत और बचाव कार्य कर रही है। टनल के अंदर पाइप से ऑक्सीजन पहुँचाई जा रही है। रेस्क्यू टीम जल्द से जल्द टनल को खोलने का प्रयास कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुबह काम करने के दौरान टनल धँसने से उसके अंदर कार्यरत 30 से 35 मजदूर और अन्य कर्मचारी अंदर ही फँस गए। हादसे की जानकारी पर तत्काल संज्ञान लेते हुए उत्तरकाशी के एसपी भी मौके पर पहुंचे और पूरी घटना पर नजर बनाए हुए है।
टनल में 36 लोग फंसे हैं। टनल का करीब 30 मीटर हिस्सा मलबे से पटा हुआ है। इसके आगे सुरंग सही स्थिति में है। जहां मजदूर फंसे है, अभी वहां ऑक्सीजन उपलब्ध है, बाहर से पाइप डालकर ऑक्सीजन की आपूर्ति के प्रयास किये जा रहे हैं।#Uttarakhand #SilkyaraToDandaTunnel pic.twitter.com/NRy6Jm0m0X
— Nitesh Srivastava (@nitesh_sriv) November 12, 2023
एसपी अर्पण यदुवंशी ने घटना की पुष्टि करते हुए टनल में 36 लोगों के फँसे होने की बात कही है। उन्होंने बताया, कि टनल का लगभग 30 मीटर हिस्सा मलबे से पटा हुआ है। इसके आगे सुरंग की हालात सही स्थिति में है। वहीं जिस स्थान पर मजदूर फँसे है, वहाँ फिलहाल अभी ऑक्सीजन उपलब्ध है, साथ ही बाहर से पाइप डालकर भी ऑक्सीजन पहुँचाई जा रही है। उन्होंने बताया, कि अभी तक टनल में फँसे श्रमिकों से संपर्क नहीं हो पाया है।
वहीं इस मामले में NHDCL के पूर्व प्रबंधक ने जानकारी दी है, कि ब्रह्मखाल-पोलगाँव में निर्माणाधीन रोड टनल जो सिलक्यारा से लगभग 2340 मीटर निर्माण की गई है। सिलक्यारा की तरफ से टनल के 270 मीटर भाग के पास 30 मीटर क्षेत्र में मलवा आने के कारण टनल के अंदर की ओर लगभग 35-40 मजदूर फँसे हुए है।
उन्होंने बताया, कि टनल के अंदर फँसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए टनल से मलबा हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में इसलिए बाधा आ रही है, कि जितना मलबा हटाया जा रहा है, उससे अधिक मलबा टनल के ऊपर की तरफ से आता जा रहा है, क्योंकि जिस जगह टनल में मलबा आ रहा है, वहाँ कठोर चट्टान (हार्ड रॉक) नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस वक्त हुआ, जब नाइट शिफ्ट वाले मजदूर टनल से बाहर आ रहे थे और अगली शिफ्ट वाले भीतर जा रहे थे। टनल के मुख्य द्वार से लगभग 300 मीटर दूरी पर ऊपरी हिस्से से मलबा आने से टनल बंद हो गई। यहाँ से करीब 2700 मीटर भीतर 40 से 50 मजदूर काम कर रहे थे।
उल्लेखनीय है, कि इस प्रोजेक्ट की यह सबसे लंबी सुरंग लगभग साढ़े चार किलोमीटर की है। इसका लगभग 4 किलोमीटर तक निर्माण हो गया है। सुरंग के निर्माण में करीब 1000 मजदूर दिन-रात जुटे रहते है। जो अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे है, क्योंकि फरवरी, 2024 तक इस टनल की खुदाई का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
बता दें, कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगल चट्टी के बीच इस सुरंग के निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किमी कम हो जाएगी। यह सुरंग करीब 853 करोड़ की लागत से बन रही है।