उत्तरकाशी टनल हादसे में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। देश-विदेश से आई मशीनों के जरिए अब बचाव दल 41 मजदूरों को निकालने के बहुत करीब पहुंच गया है। उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। उम्मीद की जा रही है, गुरूवार को सभी मजदूर सही-सलामत बाहर आ जाएंगे। इस रेस्कयू ऑपरेशन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की नजर है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी, “आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आज फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने हेतु चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। इस दौरान माननीय प्रधानमंत्री जी को केंद्रीय एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से अवगत कराया।”
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने आज फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने हेतु चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली।
इस दौरान माननीय प्रधानमंत्री जी को केंद्रीय एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 23, 2023
सीएम धामी ने कहा, “आदरणीय प्रधानमंत्री जी को मौके पर श्रमिकों के उपचार व देखभाल हेतु चिकित्सकों की टीम, एम्बुलेंस, हेली सेवा एवं अस्थायी हॉस्पिटल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने एवं किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में AIIMS ऋषिकेश में चिकित्सकों को तैयार रहने के निर्देश दिये जाने की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा, “आदरणीय प्रधानमंत्री जी को श्रमिक बंधुओं एवं उनके परिजनों से हो रही निरंतर बातचीत व उनकी कुशलता से अवगत कराया एवं स्वयं के भी उत्तरकाशी में रहकर बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग करने की भी जानकारी दी।”
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami reaches the Silkyara tunnel site where a rescue operation is underway to bring out 41 workers trapped inside. pic.twitter.com/lGFuTQxPy3
— ANI (@ANI) November 23, 2023
प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह पहुंचे भी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं। वह सुरंग के भीतर जाएंगे। 54 मीटर के बाद अगला पाइप लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही उसके लिए ऑगर मशीन चलाई जाएगी। यह आखिरी पाइप हो सकता है। पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने मीडिया को बताया, कि रुड़की से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है, जो टनल के अंदर होने वाली वाइब्रेशन पर अपनी रिपोर्ट देगी। इससे टनल के भीतर खतरे का आकलन किया जा सकेगा।
इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन (ITA) के अध्यक्ष प्रो.आर्नोल्ड डिक्स ने सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना की है। डिक्स ने बताया, कि टनल से जुड़े हादसों में जब वह रेस्क्यू के लिए पहुंचते हैं, तो अधिकत्तर में अंदर फंसे लोगों की मौत हो चुकी होती है। जबकि यहां वह जीवित है और उन्हें बाहर निकालने के लिए रात-दिन प्रयास किए जा रहे है।
उन्होंने कहा, कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए विभिन्न विकल्पों पर एक साथ काम किया जा रहा है। प्रत्येक विकल्प में खतरे को भांप कर काम किया जा रहा है। रेस्क्यू बचाव अभियान से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, रात ऑगर मशीन के सामने जो सरियों की बाधा आई थी उसे एनडीआरएफ की टीम की मदद से गुरुवार सुबह करीब 3 बजे हटा दिया गया था।
उन्होंने बताया, कि जल्द मजदूरों के बाहर आने की संभावना है। सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 264 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। 12 नवम्बर की सुबह 5:30 बजे हादसा हुआ था। जब अचानक ऊपर से मलबा गिरने की वजह से 41 मजदूर टनल में फंस गए थे। उम्मीद है कि आज मजदूर बाहर निकल पाएंगे।