उत्तरकाशी टनल हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन अब निर्णायक मोड़ पर है। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। इन श्रमिकों को सुरंग के अंदर फंसे हुए 300 घंटे से अधिक का समय हो गया। आज उम्मीद बनी है कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला जाएगा। इसके लिए सभी तरह की तैयारियां की गई है। वहीं अस्पताल और डॉक्टर्स भी अलर्ट पर हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में निर्माणाधीन सुरंग में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग करने के साथ ही मातली में स्थापित अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से सभी सरकारी कामकाज संचालित कर रहा हूँ। बचाव अभियान गतिमान है और जल्द ही सारी बाधाओं को पार कर सभी श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर निकालने हेतु हम सभी प्रयासरत हैं।”
सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में निर्माणाधीन सुरंग में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग करने के साथ ही मातली में स्थापित अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से सभी सरकारी कामकाज संचालित कर रहा हूँ।
बचाव अभियान गतिमान है और जल्द ही सारी बाधाओं को पार कर सभी श्रमिक…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 24, 2023
समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, कि हमें उम्मीद है, कि हम आज शाम तक मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ”स्थिति अब काफी बेहतर है। कल रात हमें दो चीजों पर काम करना था। पहला, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म को नया रूप देना था।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Former advisor to PMO, Bhaskar Khulbe says, "The situation is much better now. Last night, we had to work on two things. First, we had to revamp the platform of the machine… Parsons Company had done the ground penetration radar,… pic.twitter.com/2qbHYPqs04
— ANI (@ANI) November 24, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टनल के अंदर फंसे मजदूरों के साथ ही बचाव कार्य में लगे लोगों का खाने-पीने का ध्यान रखने वाली सात सदस्यीय टीम का नेतृत्व कर रहे रत्नाकर दास ने जानकारी दी, कि पहले 4 इंच के पाइप से हर 45 मिनट में अंदर फंसे श्रमिकों को मुरमुरे, भूने चने, भीगे चने, बादाम, काजू, किशमिश और पॉपकार्न व मूंगफली दी जाती थी। हालाँकि अब छह इंच का पाइप पहुंचने के बाद से श्रमिकों को पका हुआ भोजन दिया जा रहा है।
बता दें, कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चार धाम प्रोजेक्ट के तहत बन रही सिल्कयारी टनल 12 नवंबर को लैंडस्लाइड के बाद बड़ा हादसा हो गया। जिसकी वजह से अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे। फंसे हुए श्रमिकों को एयर-कंप्रेस्ड पाइप के जरिए ऑक्सीजन, बिजली और खाने की आपूर्ति करने की व्यवस्था की गई। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, परियोजना से जुड़ी एजेंसी एनएचआईडीसीएल और आईटीबीपी समेत कई एजेंसियां बचाव अभियान में शामिल है।