उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने के कारण टनल में फंसे 41 श्रमिकों को आज 17वां दिन है। श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर चर्चा में आए क्षेत्र के आराध्य देव बाबा बौखनाग की भविष्यवाणी आज सच साबित हुई। बता दें, कि बाबा बौखनाथ सिलक्यारा सहित क्षेत्र की तीन पट्टियों के ईष्ट देव हैं। यहां नागराज का मंदिर है। यहां बाबा बौखनाग की ही पूजा-अर्चना की जाती है। बौखनाग देवता को क्षेत्र का रक्षक माना जाता है।
मीडिया को स्थानीय निवासियों ने बताया, कि सुरंग हादसा दैवीय प्रकोप के कारण हुआ है। स्थानीय लोगों ने कहा, यह हादसा इष्ट देवता भगवान बौख नाग देवता के प्रकोप कारण हुआ, जब यह बात सामने आई तो हादसे के कुछ दिन बाद सुरंग के मुहाने पर अस्थाई मंदिर स्थापित किया गया। बाबा बौख नाग के प्रकोप की खबर सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विदेश से आए अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने बाबा बौखनाग की पूजा अर्चना की।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | International Tunneling Expert, Arnold Dix joins a priest in praying for the safe evacuation of 41 workers trapped inside the Silkyara tunnel. pic.twitter.com/8DZH95SN8x
— ANI (@ANI) November 28, 2023
सीएम धामी ने एक्स हैंडल पर लिखा, कि ”बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।’
उल्लेखनीय है, कि 27 नवंबर को सुरंग के ठीक पास स्थित बाबा बौख नाग मंदिर के पीछे की पहाड़ी पर स्थानीय लोगों को पानी से बनी ऐसी आकृति दिखी, जिसे देख उन्होंने दावा किया, कि यह भगवान शिव की आकृति है इसकी तस्वीरें और वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। स्थानीय निवासियों के अनुसार, कि भगवान शिव ने स्वयं बचाव अभियान में जुटे वर्करों को इस रूप में आशीर्वाद दिया है, ताकि वे जल्द से जल्द श्रमिकों को सुरक्षित सुरंग से बाहर निकाल सकें।
बता दें, हादसे को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया, कि सिलक्यारा सुरंग के ठीक ऊपर जंगल में बौख नाग देवता का मंदिर है। कंपनी ने जब टनल का निर्माण शुरू किया था उस वक्त कंपनी ने टनल के पास देवता का मंदिर बनाने का वचन दिया था, लेकिन 2019 से अभी तक मंदिर का निर्माण नहीं किया गया। इसके साथ ही ग्रामीणों का बनाया छोटा मंदिर भी तोड़ दिया गया।
स्थानीय निवासियों ने इस बारे में कंपनी के अधिकारियों को कई बार याद भी दिलाई, लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद देवता के प्रकोप के चलते ही दुर्घटना हो गई। रेस्क्यू अभियान के दौरान हर दिन लोग और रेस्क्यू अभियान में जुटे वर्कर्स बाबा बौखनाग की पूजा अर्चना करते रहे।