लोकसभा ने बुधवार (6 दिसंबर 2023) को जम्मू-कश्मीर से जुड़े ‘जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023’ तथा ‘जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023’ विधेयकों को पास कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर सरकार का पक्ष रखते हुए दोहराया, कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, “दो बड़ी गलतियाँ जो पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्री काल में हुई। उनके लिए गए निर्णयों के कारण सालों तक कश्मीर में शांति नहीं हुई। एक जब हमारी सेना जीत रही थी तब पंजाब के इलाके आते ही सीजफायर कर दिया गया और पाक अधिकृत कश्मीर का जन्म हुआ। अगर सीजफायर तीन दिन लेट हुआ होता तो POK भारत का हिस्सा होता। कश्मीर जीते बगैर सीजफायर कर लिया और दूसरा संयुक्त राष्ट्र के भीतर कश्मीर के मसले को ले जाने की बहुत बड़ी गलती की।”
#WATCH केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "दो बड़ी गलतियां (पूर्व पीएम) पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री काल में उनके लिए हुए निर्णयों से हुईं, जिसके कारण कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा। पहला है, जब हमारी सेना जीत रही थी तब युद्धविराम की घोषणा करना। सीजफायर लगाया… pic.twitter.com/wXRrS6rLqA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2023
शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन संसद में विधेयकों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, कि इसके जरिए विधानसभा में दो सीटें कश्मीर विस्थापितों और एक सीट पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से भारत आने वालों के लिए आरक्षित होंगी। इसी तरह विधानसभा में सीटों की भी संख्या बढ़ाई गई है। जम्मू में पहले 37 सीटें थीं, अब 43 हो जाएँगी। कश्मीर की सीटें 46 से बढ़कर 47 हो जाएँगी।
उन्होंने कहा, “पीओके के लिए 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं, क्योंकि पीओके हमारा है।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का उल्लेख करते हुए कहा, कि ये बिल उनके अधिकार दिलाने का काम करेगा। उन्हें प्रतिनिधित्व देने का काम करेगा। गृह मंत्री ने चर्चा के दौरान कहा, कि जो लोग पूछते हैं, कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में क्या बदला है, उन्हें जानना चाहिए कि पांच अगस्त 2019 के बाद उन लोगों की आवाज सुनी गई है, जिनकी पहले नहीं सुनी गई थी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “जब आतंकवाद शुरू हुआ और आतंकवाद ने हर किसी को निशाना बनाकर भगाया, तो घड़ियाली आँसू बहाने वाले मैंने बहुत नेता देखे। शब्दों से सांत्वना देने वाले मैंने बहुत नेता देखे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने सही मायने में पीड़ितों के आँसू पोछने का काम किया है।”
#WATCH केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा, "…जब आतंकवाद शुरू हुआ और आतंकवाद ने हर किसी को निशाना बनाकर भगाया, तो घड़ियाली आंसू बहाने वाले मैंने बहुत नेता देखे। शब्दों से सांत्वना देने वाले… pic.twitter.com/oLJxLrnimS
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केंद्रीय गृहमंत्री ने सदन में जानकारी देते हुए बताया, कि पाकिस्तान ने 1947 में कश्मीर पर हमला किया, जिसमें लगभग 31,789 परिवार विस्थापित हुए। 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए। युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए। यह बिल उन लोगों को अधिकार देने और उन्हें प्रतिनिधित्व देने का एक प्रयास है। गौरतलब है, कि चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच तीखी बहस हो गई थी।