कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। लोकसभा में चर्चा के बाद इस संबंध में प्रस्ताव पारित हुआ है। संसद के शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों पर आचार समिति की रिपोर्ट के आधार पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने टीएमसी सांसद की सदस्यता खत्म करने का प्रस्ताव लोकसभा में रखा। एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने शुक्रवार को लोकसभा में पेश की गई रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के आचरण को आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक बताया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में शुक्रवार (8 दिसंबर 2023) को सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया। जाँच के बाद एथिक्स कमिटी ने उनके खिलाफ रिपोर्ट लोकसभा की टेबल पर पेश की थी। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें संसद से निकालने का फैसला सुनाया। बता दें, महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से 2019 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनी थी।
TMC MP Mahua Moitra expelled from the Lok Sabha in 'cash for query' matter.
Ethics Committee report was tabled in the House today. pic.twitter.com/73dSVYFvOb
— ANI (@ANI) December 8, 2023
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया है, कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अनैतिक, आपत्तिजनक और गंभीर अपराध किया। रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी, कि इस मामले में भारत सरकार एक कानूनी और संस्थागत जांच कराएं, जो एक तय समय सीमा में खत्म होनी चाहिए। महुआ मोइत्रा पर आरोप थे, कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट लिए थे। जिसमें टीएमसी सांसद ने दर्शन हीरानंदानी से कार और दो करोड़ रुपये की नकदी भी शामिल थी।
भाजपा सांसद हिना वी. गवित ने कहा, “टीएमसी सांसद ने अपने संसद कार्यकाल के दौरान कुल 61 सवाल पूछे, जिनमें से 50 सवाल इन्हीं पांच सेक्टर्स पर पूछे थे। 47 बार दुबई से इनका अकाउंट लॉग इन हुआ है। छह बार ब्रिटेन, अमेरिका और नेपाल से सवाल अपलोड किए गए हैं और यह बात स्वयं टीएमसी सांसद ने आचार समिति के सामने स्वीकार की है।’ उन्होंने कहा, “आप नैचुरल जस्टिस की बात करते है, लेकिन आप खुद नियम तोड़ रहे हैं।’
महुआ मोइत्रा को संसद की सदस्यता से निष्कासित करने के इस प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों ने सदन का बहिष्कार कर दिया। फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए महुआ मोइत्रा ने दावा किया, कि कहीं किसी भी प्रकार के कैश या गिफ्ट लेने का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने संसद को ‘कंगारू कोर्ट’ बताते हुए कहा, कि ये दिखाता है, कि मोदी सरकार के लिए अडानी कितने महत्वपूर्ण हैं, एक महिला सांसद की आवाज दबाई जा रही है।