मैकडॉनल्ड्स (McDonald’s) फास्ट फ़ूड कंपनी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाले पिता-पुत्र को उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) छत्तीसगढ़ से बी-वारंट पर देहरादून ले आई है। दरअसल दोनों साइबर ठग एक अन्य मामले में छत्तीसगढ़ की सेंट्रल जेल में बंद थे। पूछताछ के दौरान पता चला, कि आरोपित पुत्र ने दिल्ली से कंप्यूटर का कोर्स किया है। इसके बाद वह फर्जी वेबसाइट बनाने लगा और पिता के साथ मिलकर लोगों के साथ ठगी करने लगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपितों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर मैकडोनाल्ड और केएफसी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर विभिन्न राज्यों में ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार, ऋषिकेश के आशुतोष नगर में रहने वाले प्रशांत जमदग्नि ने ठगी की शिकायत की थी, कि 10 जनवरी 2023 को उन्होंने मैकडोनाल्ड की फ्रेंचाइजी लेने के लिए इंटरनेट पर सर्च किया।
इस दौरान उन्होंने एक वेबसाइट में दिए गए फोन नंबर पर संपर्क किया, तो तरुण जायसवाल नाम के शख्स ने खुद को मैकडोनाल्ड का कस्टमर रिलेशनशिप अधिकारी बताया और फ्रेंचाइजी लेने की प्रक्रिया बताते हुए उन्हें ई-मेल से आवेदन पत्र समेत पंजीकरण शुल्क, सिक्योरिटी डिपोजिट और लाइसेंस नंबर लेने संबंधी जानकारी भेजी। इसके बाद विभिन्न मोबाइल नंबरों से फोन कर फ्रेंचाइजी देने के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में 24.30 लाख रुपये जमा करवाए और फिर सभी मोबाइल नंबर बंद कर दिए।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, मामले में साइबर थाना देहरादून में 15 फरवरी को मुकदमा दर्ज कर निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला को विवेचना सौंपी गई। जांच के दौरान ज्ञात हुआ, कि ठगी में रामप्रवेश प्रसाद और उसका बेटा सूरज कुमार निवासीगण भवानी बीघा, वारिसलीगंज, जिला नवादा (बिहार) शामिल है।
साइबर ठगो की तलाश में निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला व एसआइ भुवन कापड़ी ने अपनी टीम के साथ विभिन्न राज्यों में दबिश दी। इस दौरान पता चला, कि दोनों को छत्तीसगढ़ पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है और वह छत्तीसगढ़ के दुर्ग स्थित सेंट्रल जेल में बंद है। इस पर एसटीएफ ने दुर्ग के जिला न्यायालय से दोनों आरोपितों का बी-वारंट प्राप्त किया और सोमवार को उनको देहरादून लेकर पहुंची।