बुधवार (24 जनवरी 2024) को वाराणसी कोर्ट ने एक बेहद महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। इस फैसले में न्यायालय ने ज्ञानवापी ढाँचे में ‘भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण’ (ASI) द्वारा किए गए वैज्ञानिक सर्वेक्षण को सार्वजनिक करने के निर्देश दिए है। इस आदेश के साथ जिला न्यायाधीश एके विश्वेशा ने संबंधित पक्षों के ASI सर्वेक्षण रिपोर्ट की एक प्रति माँगने के लिए दायर आवेदनों का निपटारा कर दिया। इससे स्पष्ट हो गया है, कि अब ये रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोग देख पाएँगे।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने कहा, “बहुत सारी आपत्तियाँ उठाई गईं, कि ASI की रिपोर्ट को सार्वजनिक न किया जाए। आज कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और रिपोर्ट दोनों पक्षों को उपलब्ध कराने का निर्णय किया। रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी जाएगी और सभी को पता चल जाएगा कि रिपोर्ट में क्या है।”
#WATCH | Ghaziabad, Uttar Pradesh | On the Gyanvapi case, Advocate Hari Shankar Jain, says, "A lot of objections were raised that do not make the (ASI) report public…Today, the Court heard both sides and decided to make the report available to both parties. The report will be… pic.twitter.com/8R82t201GH
— ANI (@ANI) January 24, 2024
गौरतलब है, कि ‘भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण’ (ASI) ने विगत 18 दिसंबर, 2023 को सील बंद लिफाफे में ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी। इसके बाद से ही हिंदू पक्ष कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट सार्वजनिक करने की अपील की थी। वहीं इस वैज्ञानिक रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से रोकने के लिए मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था।
रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को लेकर हिंदू पक्ष के एक वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा था, कि ASI टीम ने 100 दिनों तक ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया गया था। ASI की रिपोर्ट वजनी होने की वजह से सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपी गई थी। वहीं दूसरी तरफ मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली ‘अंजुमन इंतजामिया’ की तरफ से रिपोर्ट को गुप्त रखने और जनता के सामने आने से रोकने के लिए आवेदन दायर किया गया था। इस पर वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा था, कि इसे रोकना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के सार और सूचना के अधिकार के खिलाफ है।
आपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कि वाराणसी जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई के आदेश के अनुसार, ASI ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था। ये सर्वे इसलिए किया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके, कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं। इसके बाद 4 अगस्त, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने ASI को ‘वजूखाना’ क्षेत्र को छोड़कर वाराणसी में ज्ञानवापी ढाँचे का सर्वेक्षण करने से रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
उल्लेखनीय है, कि बीते वर्ष ‘वजूखाना’ क्षेत्र में ‘शिवलिंग’ मिला था। इसके बाद ASI ने शीर्ष अदालत को अंडरटेकिंग दी थी, कि उसके द्वारा उस क्षेत्र में साइट पर कोई खुदाई नहीं की जाएगी और न ही ढाँचे को कोई नुकसान पहुँचाया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने वहाँ सर्वे करने की मंजूरी दी थी। वहीं 16 जनवरी, 2024 को ही सुप्रीम कोर्ट ने इस क्षेत्र की साफ -सफाई के निर्देश दिए थे।