75वें गणतंत्र दिवस 2024 की परेड में मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शामिल हुए। भारत दौरे के दौरान राष्ट्रपति मैक्रो ने वर्ष 2030 तक फ्रांस में 30 हजार भारतीय छात्रों की मौजूदगी दर्ज करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा, कि ये घोषणा बेहद महत्वाकांक्षी है, हालाँकि इस लक्ष्य तक पहुँचना नामुमकिन भी नहीं है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “2030 में फ्रांस में 30,000 भारतीय छात्र। यह एक बेहद ही महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, लेकिन इसे पूरा करने के मैं प्रतिबद्ध हूँ।” उन्होंने बताया, कि इसके लिए बाकायदा एक कार्ययोजना भी तैयार की है। फ्रांस में भारतीय छात्रों की संख्या कैसे बढ़ाई जाएगी, इसके बारे में मैक्रों ने डॉक्यूमेंट नोट शेयर किया है।
30,000 Indian students in France in 2030.
It’s a very ambitious target, but I am determined to make it happen.
Here’s how: pic.twitter.com/QDpOl4ujWb
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) January 26, 2024
फ्रांस के राष्ट्रपति ने एक्स पोस्ट पर कार्ययोजना के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए लिखा गया, कि गैर-फ्रेंच भाषी छात्र भी फ्रांस में शिक्षा ग्रहण कर सकें, इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कक्षाएं तैयार की जाएँगी। पोस्ट के अनुसार, “फ्रेंच भाषा का ज्ञान देने के लिए सहयोग और फ्रेंचाइज नेटवर्क विकसित किया जाएगा। हम उन छात्रों को भी इंटरनेशनल क्लासेज के जरिये शिक्षा दे पाएँगे, जिन्हे फ्रेंच भाषा का ज्ञान नहीं है। ऐसे लोगों को भी फ्रांस में पढ़ाई की अनुमति रहेगी।”
इस पूरे ऐलान में सबसे विशेष बात ये है, कि फ्रांस अपने यहाँ अध्ययन कर चुके भारतीय छात्रों के लिए वीजा नियमों को भी सुविधाजनक बनाएगा। बता दें, फ्रांस में 35 यूनिवर्सिटी ऐसी हैं, जो विश्व के शीर्ष विश्वविद्यालयों की सूचि में शामिल है। वहीं, 15 ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जिन्हें टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग में स्थान मिला है।
गौरतलब है, कि वर्ष 2024 भारत और फ्रांस के बीच सहयोग और संबंधों का ये महत्वपूर्ण वर्ष है। दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। भारत और फ्रांस के बीच साझेदारी किसी भी पश्चिमी देश के साथ भारत की पहली साझेदारी है। इसकी वजह से भारत और फ्रांस के संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत हुए हैं।
भारत और फ्रांस के बीच रक्षा और सुरक्षा के साथ ही अंतरिक्ष और परमाणु मामलों में भी रणनीतिक साझेदारी है। वहीं बीते कुछ समय में दोनों देशों के बीच इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को लेकर भी साझेदारी बढ़ रही है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध अपने स्वर्णिम दौर में है।