वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में हर दिन किसी न किसी कस्बे से गुलदार के हमला करने खबरें सुर्खियां बन रही है। हालांकि, गुलदार के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए वन विभाग भी लगातार कार्यवाही कर रहा है। इस क्रम दो मासूम बच्चों को अपना निवाला बना चुके आदमखोर गुलदार को वन विभाग ने आखिरकार पिंजरे में कैद कर लिया। गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीमें पिछले कुछ महीने से लगातार प्रयास कर रही थी। मसूरी प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार ने वन विभाग की टीम को इनाम देने की घोषणा की है। गुलदार पांच से छह वर्ष का स्वस्थ्य व्यस्क नर बताया जा रहा है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, मसूरी वन प्रभाग के रायपुर रेंज के सिंगली क्षेत्र में पिछले साल 26 दिसंबर को गुलदार ने एक मासूम को अपना निवाला बना लिया था। उसके बाद से वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए दो विशेष टीमों का गठन किया था। वन विभाग ने रायपुर रेंज के गुलदार संभावित क्षेत्रों में 12 पिंजरे लगाए। वहीं 40 कैमरा ट्रैप और 4 लाइव कैमरो के जरिये गुलदार की आवाजाही पर नजर रखी जा रही थी, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी गुलदार ट्रैस नहीं हो पा रहा था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पशु चिकित्साधिकारी मालसी जू एवं प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी वैभव कुमार और पशु चिकित्साधिकारी मालसी चिकित्सक प्रदीप मिश्रा ने गुलदार का प्राथमिक जांच की। उन्होंने बताया, कि गुलदार के बायीं तरफ के ऊपर और नीचे के दोनों दांत टूटे हैं। डीएफओ मसूरी वैभव कुमार ने बताया, कि मसूरी रेंज के भितरली क्षेत्र में कई दिनों से पिंजरे लगाए जा रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप गुरुवार को वन विभाग की टीम को आखिरकार सफलता मिल गई।
गुलदार पकड़े जाने के बाद वन विभाग के अलावा स्थानीय लोगों ने चैन की सांस ली है। गौरतलब है, कि हमलों के बाद स्थानीय ग्रामीणों का गुलदार के आतंक के चलते घर से बाहर निकलना मुश्किल गया था। बच्चे स्कूल जाने से डर रहे थे। दो महीने से सिंगली और गल्जवाड़ी में भय का माहौल बना था। गुलदार के पकड़े जाने से स्थानीय निवासियों ने वन विभाग की सराहना की है। गुलदार को पकड़ने वाली टीम में डीएफओ वैभव कुमार, उप प्रभागीय वनाधिकारी डाॅ. उदय गौड़, उप प्रभागीय वनाधिकारी दिनेश नौडियाल, वनक्षेत्राधिकारी शिव प्रसाद गैरोला समेत अन्य शामिल रहे।