उत्तराखंड विधानसभा से पारित समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मंजूरी मिल गई है। राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा UCC कानून को मंजूरी दिए जाने की जानकारी उत्तराखंड के गजट के माध्यम से दी गई है।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, “उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी किए गए गजट में बताया गया है, “भारत के संविधान के अनुच्छेद 201 के अधीन माननीय राष्ट्रपति द्वारा उत्तराखंड विधानसभा द्वारा पारित ‘समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड, 2024 विधेयक पर दिनाँक 11 मार्च, 2024 को स्वीकृति प्रदान की है।”
The President has approved the Uniform Civil Code Uttarakhand-2024 Act. The Uttarakhand government has confirmed this. CM Pushkar Singh Dhami's government passed the UCC Bill in the Uttarakhand Assembly on 7 February, which was sent for approval. pic.twitter.com/APLEtMuFcK
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 13, 2024
UCC कानून को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने एक्स अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।
हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।
निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से…
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) March 13, 2024
उन्होंने कहा,” निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी। प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में यूनिफार्म सिविल कोड अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” सीएम धामी ने कहा, ” आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखण्ड के मूल स्वरुप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है।
बता दें, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था। प्रचंड बहुमत के साथ पुष्कर सिंह धामी की सरकार बनने के तुरंत बाद इसे लेकर पांच सदस्यों वाली उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने ढाई लाख से अधिक सुझावों के बाद यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया था। 6 फरवरी 2024 को धामी सरकार ने विधानसभा में समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड-2024 विधेयक पेश किया था।
सदन में पेश किए गए विधेयक में 392 धाराएं थीं, जिनमें से केवल उत्तराधिकार से संबंधित धाराओं की संख्या 328 थी। इस विधेयक में मुख्य रूप से महिला अधिकारों के संरक्षण को केंद्र में रखा गया है। कुल 192 पृष्ठों के विधेयक को चार खंडों विवाह और विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध (लिव इन रिलेशनशिप) और विविध में विभाजित किया गया है। गौरतलब है, कि गोवा में पहले से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है, लेकिन वहां पुर्तगाल के शासन काल से ही ये लागू है।