रविवार (7 अप्रैल 2024) को पूर्व कैबिनेट मंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता दिनेश अग्रवाल भाजपा में शामिल हो गए है। प्रदेश में मतदान में अधिक दिन शेष नहीं बचे है, इसे देखते हुए जनाधार के लिए जूझ रही कांग्रेस के लिए ये काफी बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं प्रदेश कांग्रेस संगठन ने दिनेश अग्रवाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
उल्लेखनीय है, कि दिनेश अग्रवाल की गिनती कांग्रेस की विचारधारा से गहरे जुड़े नेताओं में होती रही है। हाल ही में दिनेश अग्रवाल को कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी 40 स्टार प्रचारक की सूची में भी स्थान दिया गया था। बीते शनिवार को लंबे गिले-शिकवों के बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था। दिनेश अग्रवाल तीन बार विधायक बनने के साथ ही कांग्रेस की एनडी सरकार और हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे है।
बता दें, कि दिनेश अग्रवाल 1993 और 1996 में देहरादून विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हरबंस कपूर से हार गए थे। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद वर्ष 2002 व 2007 में लगातार दो चुनाव में उन्होंने लक्ष्मण चौक सीट पर नित्यानंद स्वामी को हराया था। वहीं 2012 में वे धर्मपुर विधानसभा सीट पर प्रकाश ध्यानी को हराकर विधायक बने थे, जबकि 2017 के चुनाव में वह भाजपा प्रत्याशी विनोद चमोली से हार गए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिनेश अग्रवाल प्रदेश कांग्रेस संगठन से एक लंबे वक्त से खफा चल रहे थे। संगठन में जिला व महानगर स्तर पर की गई नियुक्तियों को लेकर उन्होंने कुछ दिन पहले भी नाराजगी व्यक्त की थी। इसके बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उनके आवास पहुंचकर करीब तीन घंटे तक वार्ता की। बताया जा रहा है, कि इसके बाद पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उन्हें मनाने की पुरजोर कोशिश की थी।
गौरतलब है, कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। पार्टी के दिग्गज नेता एक-एक कर पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं। ऐसे में जिन सूरमाओं पर कांग्रेस को भरोसा था, कि चुनावी नैया के खेवनहार बनेंगे, वे बीच में ही हाथ झटक कर पार्टी को अलविदा कह रहे है। राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस के लिए अपनी साख बचाना चुनौती बनता जा रहा है। वहीं लोकसभा चुनाव शुरू होने में अब बस 13 दिन ही शेष बचे है।