भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की भारत को ‘जेनोफोबिक’ (विदेशियों से द्वेष रखने वाला) बताने वाली हालिया टिप्पणी को खारिज कर दिया है। बता दें, जो बाइडेन ने चंदा बटोरने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था, कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था इसलिए बेहतर कर रही है, क्योंकि हम विदेशियों और अप्रवासियों का स्वागत करते हैं। जबकि चीन, भारत और जापान जैसे देश ऐसा नहीं करते, इसलिए उनकी हालत खराब है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब देते हुए कहा, कि ‘पहली बात तो ये.. कि हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही, जैसा कि आपने दावा किया, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है।’ और दूसरी बात ये कि हम ‘जेनोफोबिक’ नहीं हैं, क्योंकि हम सबका स्वागत करते हैं।”
एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, कि भारत ऐतिहासिक रूप से बहुत खुला समाज रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लाया गया नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) इस बात को दिखता है, भारत बाहरी लोगो का स्वागत करता है।
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, भारत हमेशा से एक बहुत अनोखा देश रहा है। मैं वास्तव में कहूंगा, कि विश्व के इतिहास में यह एक ऐसा समाज रहा है, जो बहुत खुला रहा है। विभिन्न समाजों से अलग-अलग तरह के लोग भारत आते रहे हैं। उन्होंने कहा, यही कारण है, कि हमने नागरिक संशोधन अधिनियम लागू किया है। इसका उद्देश्य मुश्किल में फंसे लोगों के लिए दरवाजा खोलना है।
बता दें, कि जो बाइडेन ने बीती 1 मई को अपनी राष्ट्रपति पद पर दोबारा उम्मीदवारी के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था, आप जानते हैं, हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ने का एक कारण क्या है — आप और अन्य लोग। जो बाइडेन ने तर्क दिया, क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं।
जो बाइडेन ने कहा, क्यों चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह रुका हुआ है? जापान को परेशानी क्यों हो रही है? भारत को क्यों दिक्कत हो रही है? क्योंकि वे अपने देश में अप्रवासी नहीं चाहते।” उल्लेखनीय है, कि वर्तमान में खुद अमेरिका की आर्थिक हालत खराब है। वहीं भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवे नंबर में है, जो इस दशक के अंत से पहले ही तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगी।