उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाओं से उत्पन्न हुई विकराल स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से पिरूल को एकत्रित करने की अपील की थी। जिसके परिणामस्वरूप अब पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय ग्रामीण पिरूल एकत्र करने लगे है। बता दें, कि सीएम धामी द्वारा जंगल में लगी आग पर काबू पाने के लिए ‘पिरुल लाओ, पैसे पाओ’ का अभियान चलाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा शुरू किये गए इस अभियान से वनाग्नि की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है। साथ ही वन क्षेत्र के निकट रहने वाले स्थानीय ग्रामीणों की आमदनी भी हो रही है।
Uttarakhand | On the initiative of CM Pushkar Singh Dhami, villagers are collecting Pirul in the hilly areas of the state. The government is buying Pirul at the rate of Rs 50/kg. In view of the forest fires, CM Dhami had instructed the villagers to buy Pirul. pic.twitter.com/iGrL5uxhe4
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 15, 2024
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को एक्स पोस्ट पर लिखा, “जंगलों में आग लगने की घटनाओं का एक प्रमुख कारण पिरुल होता है। जिसके निस्तारण के लिए हम आमजन के साथ मिलकर अभियान चला रहे हैं। ‘पिरुल लाओ, पैसे पाओ’ अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोग पिरुल को इकट्ठा कर ₹ 50/किलो की दर से सरकार को बेच रहे हैं। जिसका व्यापक असर भी देखने को मिल रहा है।
जंगलों में आग लगने की घटनाओं का एक प्रमुख कारण पिरुल होता है। जिसके निस्तारण के लिए हम आमजन के साथ मिलकर अभियान चला रहे हैं। 'पिरुल लाओ, पैसे पाओ' अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोग पिरुल को इकट्ठा कर ₹ 50/किलो की दर से सरकार को बेच रहे हैं। जिसका व्यापक असर भी देखने को मिल रहा…
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) May 15, 2024
उन्होंने कहा, “इस अभियान से वर्तमान में वनाग्नि की घटनाएं काफी कम हो गई हैं साथ ही वन क्षेत्र के पास रहने वाले ग्रामीणों की आमदनी भी हो रही है।” बता दें, कि इस राशि को तीन रुपए से बढ़ाकर पचास रुपये किया गया है। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड अलग से रखा गया है।