भटवाड़ी मल्ला-सिल्ला- कुशकल्याण- सहस्त्रताल ट्रैक पर पांच और ट्रैकर्स की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है, जबकि 13 ट्रैकर गंभीर रूप से बीमार है। पांच शवों को निकाला जा चुका है। सहस्त्रताल ट्रैक में फंसे ट्रैकरों को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस की टीमें युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही है। बताया जा रहा है, कि 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल में कर्नाटक राज्य के 18, महाराष्ट्र का एक सदस्य और तीन स्थानीय गाइड शामिल थे।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने एसडीआरएफ मुख्यालय से ट्रैकर्स को रेस्क्यू करने के लिए तुरंत रेस्क्यू टीमें मौके पर भेजने का अनुरोध किया है और स्थानीय स्तर पर भी रेस्क्यू टीमों को तुरंत भेजने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने फंसे हुए ट्रैकरों और मृतकों के शवों को निकालने के लिए वायु सेना के माध्यम से हेली-रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने का भी अनुरोध किया है।
District Magistrate Dr Meharban Singh Bisht has requested the SDRF headquarters to send rescue teams to the spot immediately to rescue the trekkers and has also instructed rescue teams immediately from the local level.
The District Magistrate has also requested to conduct…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 5, 2024
रेस्क्यू अभियान को लेकर जिले का आपदा कंट्रोल रूम बीते मंगलवार देर शाम से ही निरंतर सक्रिय है। कंट्रोल रूम को मिली जानकारी के अनुसार, टिहरी जिला प्रशासन की ओर से भी हैली रेस्क्यू के लिए अरदंगी हैलीपेड को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जहां पर एम्बुलेंस टीम, लोनिवि व पुलिस की टीम तैनात की गई है। खोज बचाव हेतु जनपद टिहरी से भी वन विभाग, एसडीआरएफ पुलिस व स्थानीय लोगों की टीम रवाना की जा रही है, जो कि घनसाली के पिंस्वाड से पैदल रवाना होगी।
सहस्त्रताल ट्रैक में फंसे ट्रैकरों के रेस्क्यू के लिए #UttarakhandPolice SDRF की 02 हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीमें हैली और उत्तरकाशी से पैदल रवाना हुई। 10 ट्रैकरों को सकुशल रेस्क्यू किया गया। 06 ट्रैकरों को उत्तरकाशी व 04 ट्रैकरों को देहरादून पहुँचाया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। pic.twitter.com/LEDOkxiqiB
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) June 5, 2024
बता दें, 29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुशकुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा। तीन जून को वह सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए। वहां अचानक मौसम खराब होने, घने कोहरे और बर्फबारी के बीच ट्रैकर फंस गए।
बर्फबारी के बीच पूरी रात उन्हें ठंड में बितानी पड़ी। ट्रैकर्स में से किसी ने इसकी सूचना दल को ले जाने वाली गढ़वाल माउंटनेरिंग एवं ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक को दी। वहीं ट्रेकिंग दल के एक सदस्य ने मंगलवार की शाम को यह जानकारी जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी तक पहुंचाई है। जिसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। इस ट्रेकिंग दल ने पर्यटन और वन विभाग से 29 मई से 7 जून तक ट्रैकिंग की अनुमति ली थी।