जम्मू कश्मीर स्थित चेनाब नदी पर निर्माणाधीन दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल बनकर लगभग तैयार है और इसका अधिकारियों ने जायजा भी लिया है। ये रेलवे ब्रिज रामबन से रियासी को रेलवे संपर्क से जोड़ेगा। नॉर्दर्न रेलवे ने जानकारी दी है, कि शीघ्र ही यहाँ सेवा आरंभ की जाएगी। फिलहाल कन्याकुमारी से कटरा तक रेलवे की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा बारामुला से संगलदान तक भी कश्मीर घाटी में रेल पहुंच चुकी है।
रियासी के डिप्टी कमिश्नर विशेष महाजन ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया, “ये आधुनिक दुनिया में इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है। जिस दिन ट्रेन रियासी पहुँचेगी, ये जिले के लिए एक बड़े बदलाव का पल होगा। ये हमारे लिए भी बहुत गर्व का क्षण है, क्योंकि हमारे ही इंजीनियरों ने इस चमत्कार को साकार किया है।
उन्होंने बताया, कि एक तरह से ये दुनिया का 8वाँ आश्चर्य है। पुल, हवा की गति, यहाँ इसकी ताकत सब अद्भुत है। सटीक तारीख तो नहीं बताई जा सकती, लेकिन ये जल्द ही चालू होगा।” रेलवे के अधिकारियों ने यहाँ सूक्ष्मता से निरीक्षण किया है।
#WATCH | जम्मू-कश्मीर: रेलवे अधिकारियों ने रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच नवनिर्मित दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल-चिनाब रेल ब्रिज का बड़े स्तर पर निरीक्षण किया। इस लाइन पर रेल सेवाएं जल्द ही शुरू होंगी।@RailMinIndia | #chenabbridge pic.twitter.com/Mk7b6vXzSZ
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) June 16, 2024
‘कोंकण रेलवे’ के डिप्टी इंजीनियर संजय कुमार ने बताया, कि इस परियोजना को पूरा करना बेहद चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा, कि क्षेत्र के निवासी इस परियोजना से बेहद प्रसन्न है। उधमपुर-गर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट इस वर्ष के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इसमें बनिहाल और संगलदान के बीच 48.10 किलोमीटर का प्रोजेक्ट भी शामिल है। 20 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था। इस प्रोजेक्ट का फेज-1 काजीगुंड-बारामुला स्टेशनों के बीच है, जो 118 किलोमीटर का है।
इसके साथ ही बनिहाल-काजीगंज रेलवे लाइन का उद्घाटन जून 2013 में हुआ और 25 किलोमीटर लंबे उधमपुर-कटरा रेलवे लाइन का उद्घाटन इसके अगले साल जुलाई 2014 में हुआ था। बता दें, कि चेनाब रेल ब्रिज नदी से 359 मीटर (109 फिट) की ऊँचाई पर स्थित है। ये एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊँचा है। 1.315 किलोमीटर का ये पुल एक बड़े विजन का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत पूरी घाटी को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
इस रेलवे ब्रिज की लागत 15,000 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इसके निर्माण में 30,000 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। ये पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की रफ़्तार और -40 डिग्री सेल्सियस का तापमान भी सहन कर सकता है। यदि इसके किनारों की लंबाई को मापें, तो ये किसी फुटबाल मैदान का एक चौथाई भाग होगा। वहीं इस पुल से क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने से सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी।