पूर्वी प्रशांत महासागर में अलनीनो के कमजोर पड़ने और फिर धीरे-धीरे सक्रिय होने से इस बार प्रचंड गर्मी ने लोगों को झुलसा दिया था। हालांकि, बीते बुधवार को उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में बारिश ने दस्तक दे दी है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार पिछले मानसून से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है। दरअसल, मॉनसून के लिए अल नीनो और ला नीना दो महत्वपूर्ण फैक्टर होते है। अल नीनो ही जुलाई में ला नीना में बदल जाता है और इससे अच्छी बारिश होने की संभावना रहती है।
मौसम विभाग के अनुसार, अल नीनो का प्रभाव अब समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में जिन क्षेत्रों बीते लंबे समय से सूरज आसमान से आग उगल रहा था, वहां अब आने वाले वक्त में झमाझम बारिश होने के आसार है। गौरतलब है, कि इस बार रिकाॅर्ड तोड़ भीषण गर्मी ने लोगों का जीवन बेहाल कर दिया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है, कि ला-नीना के असर के चलते इस बार भीषण गर्मी और लू के गर्म थपेड़ो का प्रकोप रहा।
बता दें, कि इस बार केरल में भी वक्त से दो दिन पहले 30 मई को मानसून ने दस्तक दे दी थी, लेकिन उसके बाद मानसून की रफ्तार बीच में धीमी हो गई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उतर भारत में बारिश की गतिविधियाँ गुजरात और छत्तीसगढ़ के दक्षिणी क्षेत्रों में अपना प्रवेश कर चुके मानसून के प्रभाव के तहत जल्द देखने को मिलेंगी।
बता दें, कि महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत केरल में मानसून दस्तक दे चुका है। इसी क्रम में पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों में भी मानसून का आगमन हो चुका है। बता दें, कि इनदिनों उत्तर भारत में भयंकर गर्मी पड़ रही है। देश के सबसे गर्म शहरों की सूची में यूपी के उरई का तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं, हरियाणा का सिरसा, पंजाब का अमृतसर और दिल्ली का आया नगर भी देश की सबसे गर्म जगहों में से एक रहे।