भारत सरकार ने NEET और UGC-NET परीक्षा धांधली के बाद राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार को हटाकर उनके स्थान पर सेवानिवृत IAS अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला को NTA का नया महानिदेशक बनाया है। बता दें, 62 वर्षीय प्रदीप सिंह खरोला राष्ट्रीय प्रशासनिक सुधार आयोग के संयुक्त सचिव के रूप में काम कर चुके है। 2012 में उन्हें ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय अवॉर्ड और 2013 में प्रधानमंत्री उत्कृष्ट लोक प्रशासन पुरस्कार भी मिला है।
उत्तराखंड के रहने वाले प्रदीप सिंह खरोला 1985 बैच के कर्नाटक कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी खरोला 2021 में नागरिक उड्डयन सचिव के पद से सेवानिवृत हुए थे। इसके बाद मार्च 2022 में उन्हें राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वर्तमान में वह आईटीपीओ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम करे है।
Shri Pradeep Singh Kharola, IAS (KN:85) (Retd.) assigned charge of Director General, National Testing Agency, Ministry of Education. pic.twitter.com/No86pM9Gfr
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) June 22, 2024
इससे पहले वह एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थे। प्रदीप सिंह खरोला बेंगलुरु मेट्रो रेल निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर भी काम कर चुके है। वे 2012-13 में कर्नाटक मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव भी रहे चुके है। उन्होंने कर्नाटक राज्य में शहरों के आधारभूत ढाँचे निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से धन जुटाने वाली संस्था अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉपोर्रेशन (केयूआईडीएफसी) का नेतृत्व भी किया है।
प्रदीप सिंह खरोला नेशनल एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म कमीशन के संयुक्त सचिव भी रहे है। साल 2012 में उन्हें ई-गवर्नेस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और साल 2013 में प्रधानमंत्री उत्कृष्ट लोक प्रशासन पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किये है और प्रशासन में सुधारात्मक प्रयासों के लिए जाने जाते है। इस संबंध में कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके शोध पत्र प्रकाशित हुए है।
प्रदीप सिंह खरोला सार्वजनिक परिवहन कंपनियों को घाटे से निकाल कर लाभ देने वाली कंपनी बनाने के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने बेंगलुरू की सिटी बस सेवा बेंगलुरू मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉपोर्रेशन को घाटे से उबारा था और साल 2000 में उसे फायदे में पंहुचा दिया था। यह देश के राज्य परिवहन का एकमात्र सफल उदाहरण है। बेंगलुरू शहर में मेट्रो सेवा की शुरुआत में भी उनकी अहम भूमिका रही है।
प्रदीप सिंह खरोला ने 1982 में इंदौर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने 1984 में आईआईटी दिल्ली से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने फिलीपींस के मनीला स्थित एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से डेवलपमेंट मैनेजमेंट में मास्टर्स किया है।
गौरतलब है, कि एनटीए द्वारा आयोजित कराई जाने वाली परीक्षाओं में लगातार होने वाली धांधली और अभ्यर्थियों के विरोध के बाद शिक्षा मंत्रालय ने इसकी जाँच केंद्रीय जाँच एजेंसी (CBI) को सौंप दी है। वहीं, एनटीए में किस प्रकार के सुधारात्मक कदम उठाये जायेगे, इस संबंध में मंत्रालय ने इसरो के पूर्व प्रमुख की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है।
बता दें, कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय) द्वारा वर्ष 2017 में उच्च शिक्षा से संबंधित भर्ती प्रवेश परीक्षा के लिए स्वतंत्र, स्वायत्त निकाय स्थापित करने की घोषणा की थी। इसके बाद 1 मार्च 2018 को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को औपचारिक रूप से स्थापित किया गया।
इस एजेंसी को विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षाएँ (NEET, JEE Main, UGC NET आदि) आयोजित कराने का दायित्व सौंपा गया था, ताकि परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी, कुशल और निष्पक्ष बनाया जा सके।
हालांकि एनटीए अपने लक्ष्य को पूरा करने में अब तक असफल रहा है। इस एजेंसी की स्थापना के बाद ही आयोजित परीक्षा में अगर 2018 और 2023 को छोड़कर दे, तो हर साल गड़बड़ियाँ ही सामने आई है। इस कारण एजेंसी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठते रहते है और इस बार स्थिति और अधिक विकराल हो गई। अब एनटीए के नए महानिदेशक के रूप में प्रदीप सिंह खरोला के समक्ष इसकी विश्वसनीयता को कायम रखना प्रमुख चुनौती होगी।