प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (2 जुलाई, 2024) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर जमकर हमले किए। पीएम मोदी ने कहा, हम तुष्टीकरण नहीं, संतुष्टीकरण के विचार को लेकर चले। हम सच्चे अर्थ में सेक्युलर हैं। वहीं इससे पहले पीएम मोदी ने पहली बार चुनकर आए सांसदों के उद्बोधनों की प्रशंसा करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की।
18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के सातवें दिन पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा, कि राष्ट्रपति ने विकसित भारत पर बल दिया है। पीएम मोदी ने कहा, कि पिछले 10 सालों में हमने जो स्पीड पकड़ी है। उसे हमें कायम रखना है। हम आधुनिक भारत की ओर तेजी से बढ़ रहे है, लेकिन जमीन की जड़ों से जुड़े रहेंगे। हम देश की अर्थव्यवस्था को नंबर तीन पर ले जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि वो कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकते हैं, लगातार झूठ चलाने के बावजूद दुनिया के सबसे बड़े चुनाव में उनकी घोर पराजय हुई। उन्होंने कहा, कि जनता ने NDA को हर कसौटी पर कसने के बाद ये जनादेश दिया। जनता ने हमारे 10 वर्ष के ट्रैक रिकॉर्ड को देखा, गरीबों के कल्याण के लिए हमारे समर्पण भाव को देखा, हमने ‘जनसेवा ही प्रभुसेवा’ वाले मंत्र को चरितार्थ करते हुए कार्य किया।
पीएम मोदी ने कहा, कि 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले, यही भाजपा को लगातार तीसरी बार जनता के आशीर्वाद का कारण बना। उन्होंने याद किया, कि 2014 में जब पहली बार उनकी विजय हुई थी, तब भी उन्होंने कहा था, कि हमारे देश को दीमक बनकर खोखला करने वाले भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलेरेंस’ की नीति रहेगी और आज उन्हें गर्व है, कि सरकार ने इससे पीड़ित देश के सामान्य मानवी को राहत दी, इसीलिए लगातार तीसरी बार उन्हें आशीर्वाद मिला।
प्रधानमंत्री ने सदन को बताया, कि दुनिया भर में भारत की साख बढ़ी है, भारत का गौरव-गान हो रहा और भारत की तरफ देखने का रवैया भी गौरवपूर्ण हुआ है। उन्होंने कहा, कि हमारा लक्ष्य ‘भारत सर्वप्रथम’ है, हमारी हर नीति-निर्णय-कार्य का एक ही तराजू रहा है – भारत प्रथम। पीएम मोदी ने देश में हुए सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा, कि एक दशक में ‘सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र को लेकर देश के सभी लोगों का कल्याण करने का प्रयास करती रही है।
पीएम मोदी ने कहा, “हम उन सिद्धांतों को समर्पित हैं, जिसमें भारत के संविधान की आत्मा के अनुसार ‘सर्वपंथ समभाव’ विचार को सर्वोपरि रखते हुए देश की सेवा करने का प्रयास किया। इस देश ने लंबे अरसे तक तुष्टिकरण की राजनीति और शासन का मॉडल देखा, हमने सेक्युलरिज़्म के तहत कार्य किया। हमने तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण किया। इसका अर्थ है – हर योजना का लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुँचाना।
पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए भारत की जनता को परिपक्व, विवेकपूर्ण और उच्च-आदर्शवादी करार दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, कि हमने ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया, जनसामान्य के कल्याण के इरादे के लिए। उन्होंने कहा, कि गाँवों और शहरों का विकास किया जा रहा है। ‘विकसित भारत’ का अर्थ है, कोटि-कोटि नागरिकों को कोटि-कोटि अवसर उपलब्ध हों।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को भरोसा दिलाया, कि ‘विकसित भारत’ के संकल्प की पूर्ति के लिए हम पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से भरसक प्रयास करेंगे, हमारा समय का पल-पल और शरीर का कण-कण इसमें लगाएँगे। पीएम मोदी ने 2014 के पहले के दिनों को याद किया, जब देश निराशा के गर्त में डूब चुका था और लोगों ने आत्मविश्वास खो दिया था, देश ने सबसे बड़ा नुकसान यही भुगता था। उन्होंने कहा, कि जब विश्वास और आत्मविश्वास खो जाता है तो वो देश-समाज खड़ा नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, कि तब सब कोई यही कहता था, कि इस देश का कुछ हो नहीं सकता। पीएम मोदी ने कहा, कि भारतीयों की हताशा उनकी पहचान बन गई थी। उन्होंने याद दिलाया, कि उस दौरान सैकड़ों करोड़ो के घोटाले हुए, रोज नए घोटालों की खबरें आती थी, वो घोटालों से घोटालों की स्पर्धा का कालखंड था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि कैसे उस कालखंड में सामान्य नौजवान आशा खो चुका था, गरीब को घर लेना हो तो हजारों रुपए की रिश्वत देनी पड़ती है, बिना घूस दिए गैस के कनेक्शन नहीं मिलते थे, मुफ्त राशन भी नहीं मिलता था, अधिकतर लोग इतने निराश हो चुके थे, कि वो अपने भाग्य को दोष देकर जिंदगी काटने के लिए मजबूर हो जाते थे।
पीएम मोदी ने कहा, कि उनकी सरकार की अनेक सफलताएँ हैं, लेकिन सबसे बड़ी सिद्धि थी, कि देश निराशा के गर्त से निकलकर आस्था और विश्वास के साथ खड़ा हो गया। उन्होंने कहा, कि कैसे भारत का आत्मविश्वास बुलंदी पर पहुँचा और धीरे-धीरे जो लोग पहले कहते थे ‘कुछ नहीं हो सकता’ वो अब कहने लगे, कि ‘इस देश में सब कुछ संभव’ है। पीएम मोदी ने कहा, कि देश आज गौरव से कहता है – भारत कुछ भी कर सकता है।
प्रधानमंत्री ने ‘फोन बैंकिंग’ से जुड़े घोटालों का जिक्र करते हुए कहा, कि कैसे बैंकों का पैसा लूट लिया गया था, लेकिन 2014 के बाद दुनिया की अच्छी बैंकों में भारत की बैंकों का स्थान बना, सर्वाधिक मुनाफा करने वाली भारत की बैंकें बन गईं। उन्होंने कहा, कि 2014 से पहले आतंकी आकर जान-जहाँ चाहे हमला कर देते थे, अब 2014 के बाद का हिंदुस्तान घर में घुस कर मारता है, सर्जिकल व एयर स्ट्राइक करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया, कि वोट बैंक की राजनीति को हथियार बनाने वालों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकार छीन लिए, भारत की संविधान वहाँ की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता था और यहाँ संविधान सर पर रख कर के नाचने वाले लोग वहाँ संविधान लागू करने का हौसला नहीं रखते थे। उन्होंने कहा, कि आज जम्मू कश्मीर भारत के संविधान में भरोसा है, पत्थरबाजी बंद है।