सहस्त्रताल ट्रेकिंग रूट पर हुए हादसे से सबक लेते हुए उत्तरकाशी जनपद में ट्रेकिंग के लिए एसओपी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। एसओपी में ट्रेकिंग एजेंसियों के वार्षिक ऑडिट समेत अन्य कई महत्वपूर्ण प्रावधान प्रस्तावित है। वार्षिक ऑडिट में योग्य न पाए जाने पर ट्रेकिंग एजेंसी का पंजीकरण निलंबित किया जाएगा। साथ ही वन विभाग प्रत्येक ट्रेकिंग दल की सामग्री, उपकरण व मेडिकल किट की जांच यात्रा के शुरुआती पड़ाव में करेगा।
दरअसल, सहस्त्रताल ट्रेकिंग रूट पर ये कोई पहली घटना नहीं थी। इससे पहले भी उत्तरकाशी में पर्वतारोहण ट्रेकिंग के दौरान ऐसे हादसे हो चुके हैं। प्रत्येक वर्ष ऐसे हादसे यहां सामने आते रहे हैं। बीते 3-4 जून को सहस्त्रताल ट्रैक पर अचानक मौसम बदलने से कर्नाटक का 22 सदस्यीय दल हादसे का शिकार हो गया था। इस हादसे में 9 ट्रेकर्स की मौत हो गई थी।
इस हादसे के बाद जिले में ट्रेकिंग के नियम-कायदों पर सवाल उठे, कि क्या इस ट्रैकिंग दल ने परमिशन ली थी और इस ट्रैकिंग दल में 50 साल से लेकर 64 साल तक के लोग भी शामिल थे। क्या इन सभी ट्रैकर्स का हेल्थ चेकअप हुआ था। इसके अलावा लगातार मौसम विभाग भी अपनी अपडेट जारी करता है, ऐसे में क्या ट्रैकिंग दल ने मौसम की जानकारी के अनुसार अपना सफर शुरू किया था।
इस हादसे के बाद जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट द्वारा मुख्य विकास अधिकारी जय किशन की अध्यक्षता में ट्रेकिंग के लिए एसओपी तैयार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी में पर्यटन विभाग, एसडीआरएफ, वन विभाग, निम संस्थान, गंगा व टौंस घाटी ट्रेकिंग एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल रहे। इस समिति ने एक माह में ट्रेकिंग के लिए प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। 11 पेज के प्रारंभिक ड्राफ्ट में ट्रेकिंग के लिए कई प्रावधान प्रस्तावित किए गए हैं।
ड्राफ्ट में ट्रैक का दोबारा से वर्गीकरण तथा मानकीकरण करने के साथ ही ट्रेकिंग एजेंसी के लिए मानकों का निर्धारण, एजेंसियों का वर्गीकरण, ट्रेकिंग एजेंसियों के वार्षिक ऑडिट, ट्रेकिंग पर जाने वाले ट्रेकर्स हेतु मानकों का निर्धारण, मध्यस्थ कंपनी व संस्था के लिए मानकों का निर्धारण के साथ ही व्यावसायिक गाइड के लिए आवेदन पत्र शामिल है।
साथ ही कैंपिंग उपकरण सूची, अधिक ऊंचाई वाले और कम ऊंचाई वाले ट्रैक के लिए सामग्री तथा तकनीकी उपकरणों की सूची शामिल है। इसके अलावा सुरक्षा उपकरणों में मेडिकल किट के साथ मास्क वाली ऑक्सीजन बॉटल्स आदि को शामिल किया गया है।
ड्राफ्ट में प्रस्तावित मुख्य प्रावधान
सिंगल विंडो सिस्टम के पोर्टल पर ट्रैक पहले तीन वर्गों सरल, मध्यम, कठिन ट्रैक में विभाजित थे। अब इसमें बहुत कठिन ट्रैक नाम से एक नया वर्ग जोड़ा गया है। वन विभाग कठिन और बहुत कठिन ट्रैक पर आपातकालीन स्थिति में गुफा व बड़े पत्थर आदि को चिह्नित करेगा। वन विभाग कठिन और बहुत कठिन ट्रैक पर चौकियों की स्थापना करेगा। एजेंसी दल को ट्रेकिंग कराने से पूर्व ट्रैक की अनिवार्य रूप से रेकी करेगी।
इसके साथ ही ट्रेकिंग गतिविधियों वाले ट्रैक की मरम्मत व निगरानी नियमित अंतराल पर की जाएगी। प्रत्येक पांच ट्रेकर्स पर एक गाइड अनिवार्य होगा। तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचे ट्रैक पर प्रत्येक 500 मीटर पर एक्लेमेटाइजेशन अनिवार्य होगा। वहीं ट्रेकर्स की अधिकतम आयु 60 वर्ष निर्धारित की गई है।