उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी काँवड़ यात्रा और काँवड़ियों की पवित्रता और भोजन की शुद्धता के दृष्टिगत सभी दुकान, ढाबों, ठेली व रेहड़ी पर नाम और पता प्रदर्शित के आदेश के बाद भले विपक्षी दल हंगामा मचा रहा है, लेकिन यह नियम अब धीरे-धीरे पूरे उत्तर भारत में लागू हो रहा है। यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड के बाद मध्य प्रदेश के उज्जैन, बिहार के गया आदि जगहों पर भी नेम प्लेट लगने लगी है।
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उज्जैन नगर निगम ने बीते शनिवार 20 जुलाई को दुकान मालिकों को अपनी दुकानों के बाहर अपना नाम और मोबाइल नंबर की प्लेट लगाने के निर्देश जारी किये है। उज्जैन के मेयर मुकेश ततवाल ने बताया, कि इस आदेश का पहली बार उल्लंघन करने पर दो हजार और दूसरी बार पांच हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। उन्होंने कहा, कि इस आदेश का उद्देश्य सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
काशी विश्वनाथ मंदिर और महाकालेश्वर मंदिर परिसर के दुकानदारों को लगाना होगा नेम प्लेट: बिहार के बोधगया की दुकानों में खुद ही लगाया बोर्ड, बोले- व्यवसाय पर कोई फर्क नहीं#NamePlate #Kashi #Ujjain #BodhGaya https://t.co/kkNPN4wTQK
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 21, 2024
उज्जैन के मेयर ने कहा, कि उज्जैन की मेयर-इन-काउंसिल ने 26 सितंबर 2002 को दुकानदारों को अपना नाम प्रदर्शित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बाद में इसे आपत्तियों और औपचारिकताओं के लिए राज्य सरकार को भेज दिया गया था। अब इस प्रस्ताव को लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा, उज्जैन एक धार्मिक और पवित्र नगर है। जो श्रद्धालु शहर में धार्मिक आस्था के साथ आते हैं, उन्हें उस दुकानदार के बारे में जानने का अधिकार है, जिससे वे सामान खरीद रहे है।
वहीं वाराणसी स्थित भगवान काशी विश्वनाथ धाम के आसपास स्थित दुकानदारों को भी अपने नाम का बोर्ड लगाना होगा। गोदौलिया में शनिवार 20 जुलाई, 2024 को पुलिस ने दुकानदारों से वार्ता की और उन्हें अपना नाम लिखने के लिए कहा। काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में लगभग 500 दुकानें हैं। इन दुकानों में लगभग 15 प्रतिशत दुकानें मुस्लिम समुदाय के लोगों की है।
बता दें, कि भगवान शिव को समर्पित श्रावण महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है। इस बार लगभग 1 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया जा रहा है। प्रशासन के अनुसार, इस आदेश के बाद अब मंदिर के बाहर स्थित दुकानदार श्रद्धालुओं को गुमराह करके पूजा सामग्री की बिक्री नहीं कर पाएँगे।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जारी इस आदेश को लेकर भले ही विपक्षी दल सियासत कर रहे है, लेकिन श्रद्धालुओं और दुकानदारों ने इस निर्णय को सही बताया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार के गया स्थित प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर के बाहर स्थित दुकानदारों ने स्वयं निर्णय लेते हुए अपनी दुकानों पर नेम प्लेट लगा ली है। हिंदू और मुस्लिम दुकानदारों ने अपनी स्वेच्छा से फलों की दुकानों के आगे नेमप्लेट लगा रखी है।
बता दें, कि सावन के पवित्र महीने में बोधगया के महाबोधि मंदिर में भी काँवड़िया पहुँचते हैं और गर्भगृह में भगवान शिव पर जल व बेल पत्र चढ़ाते है। इसके दृष्टिगत स्थानीय दुकानदारों ने आपसी रजामंदी से दुकान के आगे नेम प्लेट लगाने का निर्णय लिया है। गौरतलब है, कि कुछ फल विक्रेता तो विगत 20 वर्षो से अपनी दुकान पर अपना नाम लिख रहे है। दुकानदारों का कहना है, कि इससे उनके व्यापार पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता है।