शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद जारी हिंसा के खौफनाक दौर के बीच बांग्लादेश से लगातार हिंदुओं पर हमले की खबरें आ रही है। सोशल मीडिया पर मौजूद हिंदुओ पर हो रहे अमानवीय अत्याचार के कुछ वीडियो तो ऐसे हैं, जिन्हें देखा भी नहीं जा सकता। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
राजधानी देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी ने कहा, “बांग्लादेश में जो हालात बने हुए हैं, उसे लेकर मेरे मन में एक सवाल बार-बार आ रहा है, कि जब देश या विदेश में कोई घटना होती है, तो हमारे प्रतिपक्ष के नेता बयान देते हैं, कभी कैंडल मार्च निकालते हैं। शोक प्रकट करते हैं, कभी समर्थन तो कभी विरोध करते है। उन्होंने कहा, कि इन लोगों के लिए केवल वोट बैंक महत्व रखता है। उनके लिए जाति महत्वपूर्ण है, हिंदू समाज नहीं है।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ विपक्ष की चुप्पी पर तंज कसते हुए कहा, कि ये लोग भूल जाते है कि बांग्लादेश में मारे जा रहे 90 फीसद लोग दलित समुदाय के हैं। सीएम धामी ने सवाल उठाते हुए पूछा, कि वे आज क्यों वह चुप हैं, उनका दिल क्यों नहीं धड़क रहा है। कैंडल मार्च निकालने वाली टोली गायब है।
सीएम धामी ने कहा, “मुझे दु:ख है कि हमारे देश में जाति और धर्म को आधार बनाकर विभाजनकारी भावनाओं को पोषित करने वाले लोग बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर मौन हैं। विश्व में हो रही अनेक घटनाओं पर यह लोग अपनी टोली बनाकर कैंडल मार्च निकालते थे लेकिन आज हिंदुओं पर हो रहे उत्पीड़न को देखकर इन्होंने आंखें बंद कर ली हैं। इन लोगों के लिए केवल और केवल वोट बैंक महत्व रखता है ना कि हिंदुओं का मानवाधिकार।”
मुझे दु:ख है कि हमारे देश में जाति और धर्म को आधार बनाकर विभाजनकारी भावनाओं को पोषित करने वाले लोग बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर मौन हैं। विश्व में हो रही अनेक घटनाओं पर यह लोग अपनी टोली बनाकर कैंडल मार्च निकालते थे लेकिन आज हिंदुओं पर हो रहे उत्पीड़न को देखकर… pic.twitter.com/LHXqfaX17u
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 11, 2024
बता दें, कि बांग्लादेश में बदलते सियासी हालात के बीच हिंदुओं के खिलाफ व्यापक हिंसा देखने को मिली है। बांग्लादेशी हिंदुओं को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हिंसा और लूटपाट का खामियाजा भुगतना पड़ा है। हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है। इसी बीच देश की नई अंतरिम सरकार में गृह विभाग के सलाहकार शखावत हुसैन ने भी स्वीकार किया है, कि अल्पसंख्यकों हिंदुओ पर हमले हुए हैं और उनकी सुरक्षा में भारी चूक हुई है।