शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है। पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब हिंदुओं को नौकरियों से निकाला जा रहा है और जबरन इस्तीफा भी दिलवाया जा रहा है। इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा लगातार हमले का शिकार हो रहे बांग्लादेशी हिंदुओ के लिए अब देश के चारों शंकराचार्यों ने आवाज बुलंद की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “शांति स्थापित करके ही सब कुछ सुलझाया जा सकता है। हिंदू शांतिप्रिय लोग हैं और जब हिंदू सुरक्षित होंगे, तो देश सुरक्षित होगा। बांग्लादेश में इस तरह की हिंसा चीन की साजिश है। चीन में मस्जिदों को नष्ट किया जा रहा है और मुसलमानों को देश से निकाला जा रहा है।
उन्होंने कहा, कि अब चीन भारत को अस्थिर करने के लिए बांग्लादेश का इस्तेमाल कर रहा है। अगर बांग्लादेश यह बात नहीं समझ पाया, तो आने वाले दिनों में उसका अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।” वहीं इस संवेदनशील मुद्दे पर द्वारका शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा, कि भारत और बांग्लादेश की सरकारों को हिंदुओं की दुर्दशा पर मिलकर चर्चा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति अच्छी नहीं है। पिछले 50 सालों से जो हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है वह ठीक नहीं है। उनका क्या दोष है? उन्हें चुन-चुनकर क्यों मारा जा रहा है? मंदिर क्यों तोड़े जा रहे हैं? इस समस्या का समाधान जल्द ही निकाला जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो एक दिन ऐसा भी आएगा, कि दुनिया के किसी भी हिस्से में हिंदुओं पर अत्याचार होगा और कोई उनकी मदद करने वाला नहीं होगा।”
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सदानंद सरस्वती ने भारतीय मुसलमानों से यह भी कहा, कि वे इस पर विचार करें कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या और उन पर टारगेटेड हमले कौन कर रहा है? द्वारका शंकराचार्य ने कहा, “बांग्लादेश में अभी भी करीब 1.25 करोड़ हिंदू हैं। इतनी बड़ी संख्या के बावजूद वो ऐसी विकट परिस्थिति का सामना कर रहे हैं। भारत में मुसलमानों को भी इस पर विचार करना चाहिए, कि वहाँ हत्याएँ कौन कर रहा है।”
बांग्लादेश में हिंदुओं समाज पर हमलों के बाद, कांची शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती ने अशांति से प्रभावित देश में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए विशेष प्रार्थना की है। उन्होंने बांग्लादेश में शांति, सुरक्षा और स्थिरता का आह्वान किया। उन्होंने हिंदुओं और शक्तिपीठ ढाकेश्वरी मंदिर सहित विभिन्न ऐतिहासिक हिंदू मंदिरों के अस्तित्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, कि सभी हिंदू संगठित होकर सनातन की रक्षा के लिए आगे आएं।
इसी क्रम में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भारत सरकार से बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले का शिकार हो रहे हिंदुओं को बचाने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है। बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ एकजुटता जताते हुए अविमुक्तेश्वरानंद ने जोर देकर कहा, कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए, कि किसी भी देश में उत्पीड़न का सामना कर रहे हिंदुओं का हिंदुओं की भूमि भारत में स्वागत हो।
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा की जानी चाहिए। बांग्लादेश सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए, कि भारत में हजारों बांग्लादेशी रहते हैं। हम सरकार से अनुरोध करते हैं, कि वह उन्हें जमीन और सुरक्षा मुहैया कराए। हम उनके भोजन और अन्य जरूरतों का ध्यान रखेंगे और सरकार पर बोझ नहीं आने देंगे।”