उत्तराखंड राज्य में 15 साल से अधिक पुराने सभी सरकारी और व्यावसायिक वाहन जनवरी 2025 तक चलन से बाहर हो जाएंगे। इस दिशा में परिवहन विभाग द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे है। बताया जा रहा है, यदि परिवहन विभाग इस प्रक्रिया में सफल होता है, तो केंद्र सरकार से 50 करोड़ रुपये की विशेष सहायता प्राप्त करेगा। इस प्रक्रिया के प्रथम चरण में प्रदेश को 25 करोड़ रुपये मिल भी चुके हैं।
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को 15 साल से पुराने वाहनों को हटाने के निर्देश दिए हैं और उत्तराखंड ने इस पर कार्य करना शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया के तहत 7000 गाड़ियों में से 4,000 वाहनों को कबाड़ कर दिया जायेगा। वाहनों के लिए कबाड़ केंद्र स्थापित तथा व्यावसायिक वाहनों के लिए नई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनमें पुरानी गाड़ियों को कबाड़ करने की प्रक्रिया के तहत कई प्रकार की छूट प्रदान की जा रही है।
गौरतलब है, कि केंद्र सरकार राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष सहायता प्रदान करने की योजना पर कार्य कर रही है। इस योजना के तहत परिवहन विभाग को दो चरणों में लक्ष्यों को पूरा करना था। पहले चरण में 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ करने की योजना बनानी थी और वाहन स्वामियों को इसके लिए प्रेरित करना था, जिसे राज्य सरकार सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी है। इसके लिए 25 करोड़ रुपये की धनराशि भी प्राप्त हो चुकी है।
अब दूसरे चरण में विभाग को 31 जनवरी 2025 तक सभी पुराने वाहनों की नीलामी कर उन्हें कबाड़ करना है। इस लक्ष्य की पूर्ति पर विभाग को अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिससे कुल सहायता 50 करोड़ रुपये होगी। हाल ही में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस योजना की प्रगति पर चर्चा की गई। बैठक में अधिकारियों ने बताया, कि कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और निर्धारित समय-सीमा के भीतर लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।