मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार (19 अक्टूबर 2024) को सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ राज्य से जुड़े संबंधित विषयों पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर सीएम धामी ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत किया।
सीएम धामी ने बैठक के दौरान कहा, कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में पर्वतीय, मैदानी, भाबर और तराई क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा, कि राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने के कारण उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया, कि हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्धारण किया जाए।
Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami held a meeting with NITI Aayog Vice Chairman Suman Beri at the Secretariat on Saturday on important issues related to the state. The Chief Minister welcomed the Vice Chairman of NITI Aayog to Devbhoomi Uttarakhand pic.twitter.com/IrRIHO5tNT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 19, 2024
मुख्यमंत्री धामी ने पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया। इससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन जैसी बड़ी समस्या का समाधान होगा। उन्होंने कहा, कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य कर रही है, इसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे।
सीएम धामी ने कहा, “नदी-जोड़ो परियोजना“ के क्रियान्वयन के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है, जिसके लिये उन्होंने इसके नीति आयोग से तकनीकी सहयोग के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा, कि उत्तराखंड की जनसंख्या मूल रूप से लगभग सवा करोड़ है, लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, राज्य में फ्लोटिंग जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता होती है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया, राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बने। सीएम धामी ने कहा, कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील राज्य है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को प्रत्येक साल जन-धन की काफी क्षति होती है।
सीएम धामी ने कहा, कि राज्य में विकसित किया गया इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी प्रभावित होता है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध करते हुए कहा, कि राज्य की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई जाय। उन्होंने कहा, कि वनाग्नि भी राज्य की बड़ी समस्या है। राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए राज्य को पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री ने राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लिए ’सशक्त उत्तराखंड पहल“ वर्ष 2022 में आरंभ किया गया, जिसके अंतर्गत आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा, वर्तमान में हमने राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है। हमने इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु अल्पकालीन, मध्यकालीन एवं दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किये है।
बैठक के दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा, कि आज बैठक में राज्य की प्रमुख चुनौतियों से संबंधित जिन विषयों पर चर्चा हुई है, इन सभी विषयों पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, कि राज्य के आकांक्षी जनपदों और विकासखण्डों के विकास के लिए भी नीति आयोग द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा।
इस अवसर पर उत्तराखंड के सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरं के. सुधांशु, राज्य सलाहकार नीति आयोग, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, एस.एन.पाण्डेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, सीपीपीजीजी के एसीईओ डॉ. मनोज पंत उपस्थित रहे।