भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार (1 नवंबर 2024) को लद्दाख के लेह में देश के पहले एनालॉग अंतरिक्ष मिशन की शुरुआत की है। बताया जा रहा है, कि Analog Space Mission ब्रह्मांड की उन चुनौतियों को समझने में सहायता करेगा, जिनका सामना भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष मिशन के दौरान करना पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है, कि इस मिशन में ISRO ने एक ऐसा क्षेत्र चुना है, जो चंद्रमा या मंगल की सतह जैसा है। इस लिहाज से लद्दाख की कठोर जलवायु, अत्यधिक ठंडा वातावरण और विषम भौगोलिक परिस्थितियां इस इलाके को इन खगोलीय पिंडों पर अंतरिक्ष यात्रियों के सामने आने वाली चुनौतियों का अनुकरण करने के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है।
इसरो की एक्स पोस्ट के अनुसार, इस मिशन का नेतृत्व इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र द्वारा किया गया है। यह एनालॉग स्पेस मिशन ह्यूमन स्पेसफ्लाइट सेंटर, इसरो, एएकेए स्पेस स्टूडियो, लद्दाख विश्वविद्यालय, आईआईटी बॉम्बे का एक सहयोगात्मक प्रयास है। जिसे लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के सहयोग से विकसित किया गया है।
🚀 India’s first analog space mission kicks off in Leh! 🇮🇳✨ A collaborative effort by Human Spaceflight Centre, ISRO, AAKA Space Studio, University of Ladakh, IIT Bombay, and supported by Ladakh Autonomous Hill Development Council, this mission will simulate life in an… pic.twitter.com/LoDTHzWNq8
— ISRO (@isro) November 1, 2024
इस मिशन के तहत इसरो ने लेह में एक ऐसा स्थान तैयार किया है, जहां अंतरिक्ष जैसा वातावरण है। इसके जरिये इसरो पृथ्वी से दूर अन्य खगोलीय पिंडो पर बेस स्टेशन में आने वाली चुनौतियों से निपटने की तैयारियों को परखा जायेगा। इसके द्वारा गगनयान मिशन समेत मानवों को चंद्रमा और मंगल पर भेजने और देश का अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने के महत्वाकांक्षी मिशन में भी सहायता मिलेगी।
इस मिशन में नई तकनीक, रोबोटिक यंत्र, रोबोटिक गाड़ियां, हैबिटेट, कम्यूनिकेशन, पावर जेनरेशन, मोबिलिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टोरेज की टेस्टिंग की जाएगी। साथ ही ये भी देखा जाएगा, कि विपरीत परिस्थितियों में विशेषकर खतरनाक मौसम में दूसरे ग्रहों पर मानव व्यवहार किस प्रकार बदलता है। इस मिशन के दौरान इंसानों को अकेला रखा जाएगा। वहीं खाने के लिए भी एक जैसी ही चीजें दी जाएंगी।
दरअसल एनालॉग स्पेस मिशन बेहद खतरनाक होता है, क्योंकि ये अनजान जगहों पर किया जाता है। यहां पर रहने वाले इंसान परेशान होते हैं। साथ ही चिड़चिड़े भी हो जाते है। ऐसे में अंतरिक्ष में किस तरह का नुकसान होगा, इस पर शोध किया जाता है। इन मिशनों के परीक्षण स्थलों में महासागर, रेगिस्तान और ज्वालामुखीय परिदृश्य जैसे विविध स्थान शामिल हैं, जो अंतरिक्ष अन्वेषण की चुनौतियों को दोहराते हैं।