राज्य के बेसिक और माध्यमिक स्कूलों से अक्सर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की शिकायतों पर प्रदेश सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया है। शिक्षण संस्थानों में यौन अपराधों की रोकथाम के लिए सरकार अब इन मामलों पर सख्त कदम उठाने जा रही है। उत्तराखंड शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, विगत कुछ वर्षों में विद्यालयों में शिक्षकों के छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले सामने आ रहे हैं।
बता दें, कि प्रदेश के बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत 16,500 से अधिक स्कूल, कालेज संचालित हो रहे है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश के विद्यालयों में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसे घृणित अपराधों में संलिप्त शिक्षकों और कर्मचारियों को अब सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। इसके साथ ही शिक्षक के नशा करके स्कूल में आने की भी कई शिकायतें विभाग को लगातार मिल रही हैं।
इसके अलावा कुछ शिक्षक बिना सूचना दिए महीनों और सालों तक का अवकाश ले रहे हैं। उत्तराखंड सरकार इन मामलों पर भी सख्त कार्यवाही करने जा रही है। शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान के अनुसार, शिक्षण स्थलों पर छात्राओं के साथ होने वाले छेड़छाड़ के मामलों में शिक्षकों को तत्काल निलंबित किया जाएगा, वहीं जांच के बाद मामले में सत्यता पाई जाती है, तो अपराधी शिक्षक को बर्खास्त किया जाएगा।
शिक्षा महानिदेशक ने बताया, कि राज्य शिक्षा मंत्री धन सिंह के निर्देशों के बाद इन अपराधों को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जा रही है। उत्तराखंड प्रारंभिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा एसओपी को तैयार किया जाएगा। एसओपी के तैयार होने के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा।
शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इस संबंध में कहा, “स्कूल, कालेजों में छात्राओं से छेड़छाड़ के मामलों को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। इसके लिए एसओपी जारी की जाएगी। बता दें, कि अल्मोड़ा जिले के एक सरकारी स्कूल में कुछ दिनों पहले इस तरह का मामला सामने आने के बाद संबंधित अतिथि शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी गई हैं। इसी क्रम में अब नियमित शिक्षकों के मामले सामने आने पर भी इस तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी।