इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 की नीलामी संपन्न हो चुकी है। IPL ऑक्शन के लिए कुल 1574 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें से 574 खिलाड़ियों को ऑक्शन के लिए चुना गया। बाद में तीन अन्य खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया, जिससे कुल 577 खिलाड़ियों की लिस्ट फाइनल हुई। दो दिन तक चली इस नीलामी में कुल 182 खिलाड़ी बिके, जिनमें 62 विदेशी खिलाड़ी शामिल रहे।
गौरतलब है, कि इस ऑक्शन की लिस्ट में पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश के भी 12 खिलाड़ीयों के नाम भी शामिल थे, जिनमें मुख्य रूप से शाकिब अल हसन, मुस्तफिजुर रहमान, लिटन दास, मेहदी हसन मिराज और रिशाद हुसैन जैसे प्रमुख खिलाड़ी शामिल थे, लेकिन इस बार के ऑक्शन में एक भी बांग्लादेशी क्रिकेटर पर किसी भी फ्रेंचाइजी ने अपनी टीम में शामिल करने के लिए बोली नहीं लगाई।
वहीं जैसे ही नीलामी प्रक्रिया पूर्ण हुई, बांग्लादेशी प्रशंसकों में निराशा देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर बांग्लादेशी क्रिकेट फैंस आईपीएल मेगा ऑक्शन 2025 में बांग्लादेशी क्रिकेटर्स को कोई तवज्जो नहीं दिए जाने से भड़के हुए है। दरअसल, बांग्लादेशी क्रिकेटर्स का नीलामी में न बिकने का मुख्य कारण उनका मौजूदा प्रदर्शन है।
पिछले कुछ वक्त में बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वो लय और अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, जिसकी उम्मीद आईपीएल फ्रेंचाइजी करती हैं। इसके पीछे का सिर्फ एक ही कारण है, कि उनके पास टैलेंट की कमी। आईपीएल नीलामी का आधार खिलाड़ियों का प्रदर्शन और उनकी टीमों की जरूरतों पर ही निर्भर करता है।
बांग्लादेशी खिलाड़ियों को इस बार के ऑक्शन में किसी भी टीम ने क्यों नहीं खरीदा, इसके पीछे एक अन्य प्रमुख वजह यह भी हैं, कि बांग्लादेशी खिलाड़ियों का आईपीएल टूर्नामेंट के दौरान गैर-जिम्मेदाराना ढंग से बीच में ही अपने मुल्क लौट जाना एक समस्या बन चुका है, जिससे टीमों को यह डर रहता है, कि वे टूर्नामेंट के अहम मैचों के दौरान इन खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं रह सकते।
बता दें, कि पिछले सीजन में सीएसके के लिए मुस्तफिजुर रहमान ने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया था, लेकिन आईपीएल टूर्नामेंट के बीच में वो बांग्लादेश टीम के लिए वापस मुल्क लौट गए, जिससे टीम मुश्किल में आ गई थी। इसी कारण से आईपीएल टीमों ने बांग्लादेशी क्रिकेटरों पर इस बार बोली नहीं लगाई। इसके साथ ही बांग्लादेशी प्लेयर्स T-20 क्रिकेट और लीग क्रिकेट में भी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं, जिसके कारण आईपीएल टीमों ने उन्हें नजरअंदाज करना ही उचित समझा।