अक्सर बस चालक अपने स्वार्थों के चलते निजी होटलों व ढाबों पर बसों को रोकते हैं, जहां यात्रियों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए महाप्रबंधक संचालन पवन मेहरा ने सहायक महाप्रबंधकों को निर्देश जारी किये है, कि अब रोडवेज की बसें केवल अधिकृत ढाबों पर ही रुकेंगी।
उन्होंने स्पष्ट किया, कि अगर ड्राइवर-कंडक्टर ने मनमर्जी से बसें रोकी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। महाप्रबंधक संचालन ने सभी सहायक महाप्रबंधकों को पत्र जारी कर निर्देश दिए, कि देहरादून-दिल्ली, देहरादून-नैनीताल, टनकपुर-देहरादून, देहरादून-हरिद्वार-अंबाला, चंडीगढ़-देहरादून, दिल्ली-नैनीताल, टनकपुर-दिल्ली मार्गों पर परिवहन निगम प्रबंधन ने ढाबे और रेस्टोरेंट अधिकृत किए हुए हैं। केवल अधिकृत स्थान रोडवेज बसों के ठहराव के लिए वैध हैं।
दरअसल, उत्तराखंड रोडवेज की बसों को चालक-परिचालक मनचाहे ढाबों पर रोक देते हैं। परिवहन निगम के संज्ञान में आया है, कि कई ड्राइवर-कंडक्टर बसों का ठहराव अवैध ढाबों या रेस्टोरेंट पर कर रहे हैं, जहां यात्रियों से भोजन की मनमानी कीमत वसूली जा रही है। इससे निगम की छवि धूमिल हो रही है।
पत्र में स्पष्ट किया है, कि अग्रिम आदेशों अथवा नए ढाबे अधिकृत करने तक पूर्व के अधिकृत ढाबों पर ही रोडवेज बसों का ठहराव सुनिश्चित किया जाए। अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।