उत्तराखंड में सोमवार को सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई। इसके साथ ही कई इलाकों में हल्की बारिश भी हो रही है। मौसम के करवट बदलने के बाद नए साल से पहले पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड बढ़ सकती है। बता दें, कि मौसम विशेषज्ञों ने आज प्रदेश के पर्वतीय जिलों में बारिश के साथ बर्फबारी की संभावना जताई थी। मैदानी इलाकों में घने कोहरे के कारण सड़क पर वाहनों के आवागमन पर भी असर पड़ने की आशंका है।
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया, कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते उत्तराखंड में यह बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, कि बारिश और बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट आएगी, जिससे मैदानों और पहाड़ी इलाकों में ठंड बढ़ने की आशंका हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, देहरादून के पर्वतीय इलाकों समेत उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिले में हल्की बारिश व बर्फबारी की संभावना जताई गई है। सोमवार दोपहर 12 बजे चकराता के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में में बर्फबारी शुरू हुई। यदि मौसम का मिजाज ऐसा ही रहता है, तो रात को भारी बर्फबारी की संभावना है।
Forecast / Warning for Uttarakhand issued on 23.12.2024 pic.twitter.com/NFClLyxVzD
— Meteorological Centre Dehradun (@mcdehradun) December 23, 2024
वहीं यमुनोत्री धाम सहित आस-पास बर्फबारी शुरू हो गई है। मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा में भी बर्फबारी हुई। वहीं नीती घाटी में बहने वाली नदी, नाले व झरने ठंड से जम रहे हैं। हालांकि घाटी में इस समय भी दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित अन्य जगह के पर्यटक पहुंच रहे हैं। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से नीती घाटी के कई गांवों में इनदिनों दुकानें खुली हुई हैं।
गौरतलब, कि इनदिनों उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने का मन बना रहे पर्यटकों को ठंड और खराब मौसम के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। खासकर बर्फबारी और बारिश के कारण सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं, इसलिए यात्रा से पहले मौसम की जानकारी जरूर और उचित कपड़े, उपकरण और संसाधनों के साथ यात्रा करें।
हालांकि अगर आप क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए बर्फीली वादियों की ओर रुख करने की सोच रहे हैं, तो यह बेहतरीन मौका है। उत्तराखंड की पहाड़ियां जल्द ही बर्फ की चादर ओढ़ने को तैयार हैं। यह मौसम न केवल पर्यटकों के लिए खास है बल्कि किसानों और बागवानों के लिए भी बढ़िया है। बारिश और बर्फबारी फसल और बागवानी के लिए नई ऊर्जा लेकर आएगी।