77वें भारतीय सेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में नौसेना के तीन नए युद्धपोत-पनडुब्बियों को राष्ट्र को समर्पित किया। इन तीनों में से दो लड़ाकू जहाज और एक पनडुब्बी हैं। भारतीय नौसेना में शामिल नए युद्धपोत बेहद नई तकनीकी हथियारों और आधुनिक सेंसर से लैस है, और इनका उद्देश्य समुद्र में किसी भी प्रकार के खतरे से निपटना है।
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार (15 जनवरी, 2025) को मुंबई के डॉकयार्ड पहुँचे। यहाँ उन्होंने फ्रिगेट INS नीलगिरी, डिस्ट्रॉयर INS सूरत और पनडुब्बी INS वागशीर को देश को समर्पित किया और राष्ट्र को भी संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के नौसेना के योगदान का उल्लेख किया।
PM Modi dedicated three state-of-the-art naval combatants—INS Surat, INS Nilgiri, and INS Vagsheer—to the nation during their commissioning ceremony at the Naval Dockyard in Mumbai. Here are some glimpses from the event… pic.twitter.com/M1RBF22ItR
— BJP (@BJP4India) January 15, 2025
पीएम मोदी ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था। आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नेवी को सशक्त करने की तरफ हम एक बड़ा कदम उठा रहे हैं।” उन्होंने कहा, कि 21 वीं सदी की नौसेना को सशक्त बनाने की तरफ हम एक बड़ा कदम उठा रहे हैं और आज का भारत दुनिया की एक बड़ी समुद्री शक्ति बन रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये पहली बार हो रहा है, जब एक डिस्ट्रॉयर, एक फ्रिगेट और एक सबमरीन को एक साथ कमीशन किया जा रहा है। गर्व की बात कि ये तीनों मेड इन इंडिया हैं… मेक इन इंडिया पहल न केवल भारत की सेनाओं की क्षमता को बढ़ा रही है बल्कि आर्थिक तरक्की के नए रास्ते भी खोल रही है।
पीएम मोदी ने कहा , “भारत विस्तारवाद नहीं, विकासवाद की भावना से काम करता है। भारत ने हमेशा खुले, सुरक्षित, समावेशी और समृद्ध हिन्द प्रशांत क्षेत्र का समर्थन किया है। भारत पूरे हिन्द महासागर क्षेत्र में पहले मदद का हाथ बढ़ाने वाले देश के रूप में उभरा है। जल हो, थल हो , नभ हो या गहरा समुद्र या असीम अंतरिक्ष हर जगह भारत अपने हितों को सुरक्षित कर रहा है।”
पीएम मोदी ने स्कॉर्पीन क्लास की छठी और अंतिम पनडुब्बी INS वागशीर को देश को सौंपा। यह पनडुब्बी प्रोजेक्ट-75 के तहत बनाई गई है और डीजल-इलेक्ट्रिक तकनीक पर चलती है। INS वागशीर कलवरी क्लास की पनडुब्बी है। INS वागशीर वाले पूरे प्रोजेक्ट की लागत ₹28 हजार करोड़ से अधिक की है। इस पनडुब्बी को मुंबई के मझगाँव डॉकयार्ड में ही बनाया गया है।
15 January 2025
A Historic Occasion – Commissioning of Surat, Nilgiri and Vaghsheer.
The landmark ceremony will be Presided over by the Hon'ble Prime Minister @narendramodi@PMOIndia#AatmanirbharBharat#IndianNavy#CombatReady #Credible #Cohesive & #FutureReady Force pic.twitter.com/pkxJGVursz— SpokespersonNavy (@indiannavy) January 14, 2025
बता दें, कि INS सूरत, P15B गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम जहाज है। इस जहाज के निर्माण में लगने वाली 75 प्रतिशत सामग्री भारत में ही तैयार की गई है। वहीं INS नीलगिरि, P17A स्टील्थ फ्रिगेट युद्धपोत स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है। इसके अलावा यह जहाज भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी का फ्रिगेट है। ये जहाज लंबे समय तक इलाके में दुश्मन को तबाह कर सकता है।
गौरतलब है, कि भारतीय नौसेना एक लंबे वक्त से युद्धपोतों की कमी से जूझ रही है। नए युद्धपोतों के बेड़े में शामिल होने से भारतीय नौसेना का अरब और हिंद महासागर समेत भारतीय समुद्र सीमा में वर्चस्व बढ़ जायेगा। साथ ही रक्षा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भी मजबूती मिलेगी और आत्म-निर्भरता को बल मिलेगा।