भारतीय राजनीती में सबसे पुराने राजनितिक दल का दर्जा प्राप्त कांग्रेस धीरे धीरे वैचारिक शून्यता की ओर बढ़ रही है। इसका ताजा उदाहरण एक बार फिर से आज के संचार युग में देखने को तब मिला। जब एक न्यूज़ चैनल के टीवी डिबेट कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भद्दी और निजी टिप्पणी करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को कहा कि “तुम नाली के कीड़े हो, अब चुप हो जा, नाली के कीड़े”। राजनितिक परिवार से आने वाली सुप्रिया श्रीनेत के इस वैचारिक दरिद्रता वाले बयान की चौतरफा निंदा हो रही है।
How educated ..How Cultured…Wah!!#GaliWaliMadam pic.twitter.com/VfPQsKPumm
— Sambit Patra (@sambitswaraj) May 30, 2021
दरअसल न्यूज़ चैनल आज तक के डिबेट शो में नरेंद्र मोदी सरकार के सात वर्षों के कार्यकाल पर बहस हो रही थी। बहस के दौरान भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने वर्ष 2008 में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के चीन दौरे का उल्लेख करते हुए एक टिप्पणी की। जिसके बाद सुप्रिया श्रीनेत ने राजनितिक शिष्टाचार को दरकिनार कर गली नुक्कड़ वाली भाषा का प्रयोग कर गाली-गलौज शुरू करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को कहा कि “तू तो दो कौड़ी का गंदी नाली का कीड़ा है” इसके जबाब में संबित पात्रा ने कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए न्यूज़ एंकर से कहा, कि ये किस प्रकार की भाषा का प्रयोग कर रही है। न्यूज़ एंकर द्वारा कांग्रेस प्रवक्ता के कथन पर आपत्ति जताने के बाद भी सुप्रिया श्रीनेत लगातार निम्न दर्जे की भाषा का प्रयोग करती रही। इसके बाद संबित पात्रा ने कहा कि ये अनपढ़ महिला क्या बोल रही है?
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करके कहा कि याद रखिए, गांधी परिवार के लिए अंत में हम सब दो कौड़ी के गंदी नाली के कीड़े है। जबकि वो शहजादा और शहजादी है। लाइव टीवी डिबेट में बस यही देखना बाकी रह गया है। अब बस मां बहन की गालियां सुनना बाकी रह है।
Friends do remember one thing ..for the So called “Gandhi Family” at the end of the day we all are “दो कौड़ी के गंदी नाली के कीड़े” while they are the “Sahzade” & “Sahzadis” …
Never Forget & Never Forgive ..
The Dynasts should get it back!! pic.twitter.com/Dlq3qeARsS— Sambit Patra (@sambitswaraj) May 30, 2021
जानकारी के लिए आपको बता दे ,कि सुप्रिया श्रीनेत एक सांसद की पुत्री के साथ एक पत्रकार भी रह चुकी है। टाइम ग्रुप में एग्जीक्यूटिव एडिटर पद में काम करने से पहले वह एनडीटीवी में असिस्टेंट एडिटर के पद पर भी कार्य कर चुकी है। उनके पिता हर्षवर्धन सिंह उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से 1989 और 2009 में सांसद रह चुके है। लाइव टीवी डिबेट के दौरान इस प्रकार की भाषा का प्रयोग ना सिर्फ अशोभनीय है बल्कि कांग्रेस के प्रवक्ता किस प्रकार की मानसिकता से ग्रसित है, यह भी दर्शाता है।
दरअसल सुप्रिया श्रीनेत को राजनीती विरासत में प्राप्त हुई है। परिवारवाद और वंशवाद की राजनीती से निकले नेताओ में अक्सर इस प्रकार का दंभ यह रेखांकित करता है, कि उनका धरातल से कोई संबंध नहीं है। सुप्रिया श्रीनेत ने उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। परन्तु वह भाजपा के उम्मीदवार पंकज चौधरी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
वही अगर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के राजनितिक करियर पर गौर किया जाये, तो उन्होंने उड़ीसा से एमबीबीएस और एमएस (मास्टर सर्जरी) की पढाई के बाद 2003 में यूपीएससी की संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद वह चिकत्सा अधिकारी के रुप में दिल्ली के राव अस्पताल में सेवाएं दी। चिकत्सा क्षेत्र में कुछ वर्ष कार्य करने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। आज वे जिस मुकाम पर है, उसके पीछे ना तो किसी सांसद पिता का हाथ था और ना ही किसी उच्च राजनीति में रसूख रखने वाले किसी नेता का। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को टीवी डिबेट में उनकी कुशल वाकपटुता के लिए जाना जाता है।