भारतीय सीमा सुरक्षा बल द्वारा बीते गुरुवार को पश्चिम बंगाल से सटी में हिन्दुस्तान – बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पैट्रोलिंग के दौरान एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया है। दैनिक जागरण अखबार में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार सीमा सुरक्षा बल के एक दल ने 35 वर्षीय चीनी नागरिक को सुबह तक़रीबन सात बजे मालदा जनपद के निकट सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करते वक्त पकड़ लिया। बीएसएफ द्वारा आधिकारिक बयान में बताया, कि हिरासत में लिए गए चीनी नागरिक के पास से बंगालदेशी वीजा,चीनी पासपोर्ट,एक लैपटॉप समेत तीन मोबाइल सिम कार्ड बरामद किये गए है।
बंगाल के मालदा जिले के में स्थित सीमा चौकी-मालिक सुल्तानपुर, 24वीं वाहिनी, @BSF_SOUTHBENGAL के सतर्क जवानों ने आज तड़के सुबह बांग्लादेश का वीजा लेकर अवैध तरीके से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में घुसपैठ करते हुए 36 वर्षीय हान जुनवे नामक एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया।(1/2)
— BSF_SOUTH BENGAL: KOLKATA (@BSF_SOUTHBENGAL) June 10, 2021
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस द्वारा दिए गए बयान के अनुसार हिरासत में लिए गए चीनी नागरिक का नाम होन जुनवे है। इस वक्त विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही है, कि उसके भारत आने का क्या मकसद था। बताया जा रहा है, कि भारत में अवैध रूप से घुसने के आरोप में गिरफ्तार चीनी नागरिक अंग्रेजी भाषा समझने में सक्षम नहीं है, इसलिए चीनी भाषा में अनुवाद करने के लिए चीनी भाषा के जानकार एक सुरक्षा अधिकारी को भारतीय सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों द्वारा संयुक्त स्तर पर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
सुरक्षा एजेंसियो द्वारा प्रारंभिक जांच पड़ताल में चीनी नागरिक स्वयं को घड़ियों का व्यवसायी बता रहा है। और बीएसएफ द्वारा पकड़े जाने से पूर्व वो अपनी घड़ियों को इस इलाके में बेचने के लिए स्थान का चयन कर रहा था। हालांकि चीनी नागरिक के इस बयान पर केंद्रीय जांच एजेन्सिया भरोसा नहीं कर रही है। फिलहाल केन्द्रीय एजेंसिया चीनी नागरिक से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सूक्ष्म विश्लेषण कर रही है। बंगालदेश की सीमा से सटा पश्चिम बंगाल का मालदा क्षेत्र बॉर्डर पर होने वाले अपराध के लिए बदनाम है।
भारत -बंगालदेश बॉर्डर के इस क्षेत्र में सीमा पार से बड़ी संख्या में नशीले पदर्थ ,अवैध हथियारों, जाली करेंसी, मवेशियों के अलावा मानव-तस्करी भी की जाती है। इस इलाके में चल रही अवैध गतिविधियों के कारण इस कुख्यात क्षेत्र को 2014 से पहले मिनी-अफगानिस्तान के नाम से भी जाना जाता था। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है ,कि राष्ट्र की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए को मालदा क्षेत्र के निकट फरक्का इलाके में अपना बेस का निर्माण तक करना पड़ा था।