कृति सेनन और पंकज त्रिपाठी अभिनीत फिल्म “मिमी” के ट्रेलर को देखकर दर्शको के बीच जो उत्सुकता पैदा हुई थी, वह इस फिल्म को देखने के बाद भी बरकरार रहती है। हालाँकि फिल्म की कहानी का अंदाजा इसके ट्रेलर देखकर ही लग गया था। लेकिन फिल्म देखकर बहुत समय बाद यह महसूस हुआ, कि अभी भी मुंबई जगत में कुछ निर्देशक साधारण कहानी में भी रोचकता पैदा कर सकते है। मिमी मराठी फिल्म “मला आई व्हायच” का हिंदी रीमेक है।
फिल्म की कहानी के अनुसार कृति सेनन (मिमी) राजस्थान के एक छोटे शहर की रहने वाली लेकिन बॉलीवुड हीरोइन बनने का सपना देखने वाली बिंदास डांसर हैं। उसे मुंबई जाकर फिल्मो में काम करना है, पर उसके पास अपना पोर्टफोलिया बनवाने के लिए रुपये नहीं है। यहाँ उसकी जिंदगी में आता है, ड्राइवर भानु प्रताप (पंकज त्रिपाठी) जो मिमी को एक अमेरिकी दंपति से मिलवाता है।
इस अमेरिकन दंपति को किसी ऐसी स्वस्थ भारतीय लड़की की खोज है, जो उनकी संतान को सरोगेसी के माध्यम से जन्म दे सके। भानु प्रताप मिमी को बीस लाख रुपये के बदले बच्चा पैदा करने के लिए मना लेता है। मिमी के गर्भधारण को अपने माता पिता से छिपाने के लिए पंकज त्रिपाठी और कृति सेनन मुस्लिम दंपति बन अपनी दोस्त शमा (सई तम्हणकर) के घर में शरण लेनी पड़ती है।
लेकिन एक दिन अमेरिकन दंपति मिमी के गर्भ में अपनी संतान छोड़कर वापस विदेश चले जाते है। इसके बाद मिमी कैसे अपनी होने वाली संतान के जन्म लिए संघर्ष करती है। मिमी फिल्म सरोगेसी के मुद्दे को उठती है, लेकिन इससे जुड़ी जटिल कानूनी प्रकिया और बेवजह की तकनीकी बहस में नहीं उलझती है। फिल्म ना तो फालतू के रोने-धोने का ड्रामा दिखाती और ना ही ऐसी परिस्थिति पैदा करती है, जिससे बेमतलब का तनाव उत्पन्न हो।
फिल्म की कहानी साधारण है, उसी प्रकार फिल्म भी फील-गुड अंदाज में थोड़ा हंसाती है और थोड़ा इमोशनल करती है। मिमी की कहानी ‘घर की इज्जत’ और ‘लोगो को क्या मुँह दिखाएंगे’ जैसे फालतू चक्कर में नहीं पड़ती और बिना दर्शको को बोर करते हुए सधे हुए ढंग से लगातार आगे बढ़ती है। फिल्म का स्क्रीनप्ले अच्छा है,कई मौकों पर फिल्म का स्क्रीनप्ले इतना चुस्त है,कि बिना एक भी सवांद के दर्शको को सबकुछ समझ में आ जाता है।
फिल्म में कृति सैनन ने मिमी के किरदार में अपने आप साबित किया है। कृति सैनन वैसे तो पहले ही कई फिल्मो में अच्छा अभिनय कर चुकी है, लेकिन ‘मिमी’ फिल्म में उनका अभिनय नई बुलंदियों में पहुंच गया है। पंकज त्रिपाठी का भोलापन और कॉमिक टाइमिंग हमेशा उनके अभिनय को एक नए स्तर पर ले जाता है। पर्यटकों को दिल्ली-राजस्थान घुमाने वाले कार ड्राइवर की भूमिका में पंकज त्रिपाठी फिल्म में रोचकता बनाये रखते है।
फिल्म में अन्य सहायक भूमिका में मिमी की दोस्त का किरदार सई ताम्हणकर ने बढ़िया से निभाया है। मिमी के माता-पिता के रूप में सुप्रिय पाठक और मनोज पाहवा जैसे बेहतरीन कलाकार जमे है। फिल्म का गीत – संगीत अच्छा है। कुल मिलाकर मिमी (Mimi) फिल्म समाज को सन्देश देती एक गुदगुदाती इमोशनल फिल्म है। जिसे एक बार तो देखना बनता है।
यह भी पढ़े…
Toofan Movie Review : तूफान का असर बेअसर , पुराने ढर्रे पर आधारित मसाला फिल्मो का कॉकटेल