भारत के निकटम पड़ोसी देश नेपाल की सरकार ने बीते रविवार को अपने नागरिकों को ऐसा कोई भी ‘निंदनीय एवं अभद्र कार्य ना करने की चेतावनी जारी की है, जिससे मित्र देशों के सम्मान को ठेस पहुंचने का खतरा हो। नेपाल सरकार द्वारा यह चेतावनी उनके देश में प्रदर्शन के दौरान कुछ नेपाली नागरिको द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाए जाने की घटना के बाद जारी की है।
BREAKING NEWS | नेपाल में अगर भारत के प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाया तो जेल जाना पड़ सकता है. नेपाल के गृह मंत्रालय ने जारी आदेश में कहा है कि बिना वजह भारत विरोधी प्रदर्शन करने और PM मोदी का पुतला जलाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. #Nepal #India #NarendraModi pic.twitter.com/uGjEmMmxf9
— ABP News (@ABPNews) September 5, 2021
जानकारी के अनुसार, नेपाल के गृह मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, कि विगत कुछ दिनों में देश में मित्र राष्ट्र के प्रधानमंत्री की छवि को खराब करने के लिए धरना प्रदर्शन, नारेबाजी, और विरोध में पुतले को जलाने की खबर सामने आई है। हालाँकि नेपाल सरकार के गृह मंत्रालय ने अपने जारी बयान में किसी विशेष नेता का नाम नहीं लिया है।
बताया जा रहा है, कि नेपाल सरकार का यह कड़ा संदेश सत्तापक्ष गठबंधन और अन्य विपक्षी दलों से सम्बन्धित कुछ छात्र संगठनों की ओर से बीती जुलाई में भारत और नेपाल बॉर्डर पर महाकाली नदी को पार करने के दौरान हुई एक नेपाली युवक के डूबने की दुर्घटना के विरोध में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतला जलाए जाने की घटना के बाद आया है।
सूत्रों के अनुसार, 33 वर्षीय जय सिंह धामी महाकाली नदी पर बने अस्थायी रोपवे के माध्यम से नदी को पार कर रहे थे, लेकिन भारत-नेपाल बॉर्डर पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के जवानों को देख नदी में घबराकर गिर गए। इस मामले में भारत ने अपना पक्ष रखा, कि मृतक युवक जय सिंह धामी अवैध तरीके से नेपाल के रास्ते उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद स्थित गास्कू गांव आ रहा था। वहीं इस मामले की पड़ताल कर रही नेपाली जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, कि यह दुर्घटना भारतीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी में हुई, हालांकि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया था।