मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सोमवार को आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु से संवाद कार्यक्रम के दौरान कहा, कि राज्य सरकार का प्रयास देवभूमि उत्तराखंड को पर्यटन और आध्यात्म के क्षेत्र के उच्चतम स्तर पर ले जाने का है। संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी द्वारा जीवन दर्शन से सम्बंधित विषयों के साथ ही आध्यात्म, पर्यटन और वेलनेस के क्षेत्र में उत्तराखंड को गति देने के विषय पर विस्तार से चर्चा की।
चर्चा के दौरान सद्गुरु जी ने कहा कि उत्तराखण्ड तमाम प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर राज्य है। इस राज्य को एशिया का सबसे बेहतर आध्यात्मिक और पर्यटन राज्य बनाने के लिए स्वदेशी तौर-तरीकों को विकसित कर आगे बढ़ाने की ज़रूरत है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 27, 2021
आध्यात्मिक संवाद कार्यक्रम में देश विदेश में विख्यात आध्यात्मिक गुरु सदगुरु द्वारा कहा गया, कि देवभूमि उत्तराखंड विविध प्राकृतिक संपदाओं से संपन्न राज्य है। देवभूमि उत्तराखंड एशिया महाद्वीप का आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन राज्य बनने की क्षमता रखता है। प्राकृतिक सुंदरता से युक्त उत्तराखंड एशिया का स्विट्जरलैंड भी बन सकता है। हालाँकि राज्य को प्राचीन स्वदेशी तौर तरीकों से विकसित कर इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
आध्यात्मिक गुरु दिव्यदर्शी सदगुरु द्वारा कहा गया, कि पौराणिक काल से ही हिमालय क्षेत्र विभिन्न संस्कृतियों का जन्मदाता रहा है। उत्तराखंड की संस्कृति अपने आप में श्रेष्ठ संस्कृति है, और इसकी तुलना देश विदेश की किसी भी संस्कृति से नहीं की जा सकती। संवाद कार्यक्रम के दौरान सदगुरु द्वारा आध्यात्मिक एवं जीवन दर्शन से जुड़े अनेक प्रश्नों के उत्तर दिए।
संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी द्वारा कहा गया, कि समाज में प्रत्येक व्यक्ति अलग-अलग जिम्मेदारी के अनुसार कार्य करता है। वहीं प्रकृति के नियमानुसार समय-समय पर व्यक्ति की जिम्मेदारीयो में परिवर्तन होता रहता है। वर्तमान में जो जिम्मेदारी हमें मिली है, उसे सम्पूर्ण मनोयोग से निभाना ही परम कर्तव्य है। अंत्योदय के साथ समाज के आखिरी पायदान पर खड़े नागरिक तक सुविधाओं का लाभ पहुंचाना ही राजधर्म है।