संचार क्रांति के युग में कैशलेस भुगतान के प्रचलन में बढ़ोतरी हुई है। उसके बाद से ही क्यूआर कोड के चलन में भी इजाफा हुआ है। क्यूआर कोड यानी (Quick Response code) एक प्रकार से Square Barcode की तरह दिखने वाला, जिसे सबसे पहले जापान में विकसित किया गया था।
वर्तमान में भुगतान के अधिकतर डिजिटल पेमेंट एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है जैसै भीम ऐप, फोन पे और पेटीएम सहित कई अन्य ऐप ग्राहक के बैंक से जुड़े मोबाइल नंबर अथवा यूपीआई आईडी के आधार पर कार्य करते है। आजकाल क्यूआर कोड से साइबर धोखाधड़ी के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे है, इसी के मद्देनजर डिजिटल भुगतान करने पर अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को सतर्क करते हुए कहा है, कि पैसे प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड का उपयोग बिल्कुल भी ना करें।
क्यूआर कोड ने डिजिटल पेमेंट की प्रक्रिया को आसान बनाया है, लेकिन इसके साथ ही साइबर ठग इसका इस्तेमाल लोगों के साथ धोखाधड़ी के लिए कर रहे है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ट्विवटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा है, कि किसी भी परिस्थिति में पैसे रिसीव करने के लिए क्यूआर कोड का उपयोग नहीं होता है। यदि कोई भी व्यक्ति क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके पैसे रिसीव करने की बात कहे, तो यह सतर्क होने का समय है, और कभी भी पैसे रिसीव करने के लिए भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन ना करें।
You don’t receive money when you scan a QR code. All you get is a message that your bank account is debited for an ‘X’ amount. Do not scan #QRCodes shared by anyone unless the objective is to pay. Stay alert. #StaySafe. https://t.co/EXGQB7YFT9#QRCodes #InternetBanking
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) April 27, 2021
दरअसल क्यूआर कोड एक तरह की स्टेटिक इमेज होती है, जिसे हैक करना संभव नहीं है , किन्तु साइबर ठग इस स्टेटिक इमेज को धोखे से बदल सकते है। इसके अलावा साइबर अपराधी आपको लालच में फंसाकर क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए जोर दे सकते हैं। डिजिटल भुगतान प्रणाली में कभी भी पेमेंट रिसीव करने के लिए यूपीआई पिन दर्ज करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। ग्राहक को मात्र धन के भुगतान के लिए ही क्यूआर कोड उपयोग करना होता है। जबकि पेमेंट रिसीव करने के लिए क्यूआर कोड उपयोग नहीं किया जाता है।
कोरोना आपदाकाल में डिजिटल भुगतान की मांग बढ़ गयी है। एक ओर जहां तकनीक ने हमारे आर्थिक जीवन में भुगतान प्रणाली को सरल बना दिया है, वहीं साइबर अपराधी ठगी के लिए नए – नए तरीके खोज रहे है। क्यूआर कोड के जरिये नागरिको के साथ धोखाधड़ी करना साइबर ठगो के लिए लोकप्रिय तरीका बन गया है। इसलिए साइबर ठगी से बचने के लिए ग्राहकों को जब तक भुगतान करने की जरुरत ना हो, तब तक किसी के जरिये शेयर किए गए क्यूआर कोड को स्कैन नहीं करना चाहिए।