विस्तारवादी मानसिकता के चलते पडोसी देश चीन सदैव दूसरे राष्ट्र के हिस्सों में अवैध कब्जे और घुसपैठ की ताक में बैठा रहता है। चीन की इस विस्तारवादी नीती से हमेशा उसके पड़ोसी देश परेशान रहते है। अपनी इसी मानसिकता के चलते चीन भारत की सरहदों में भी अवैध घुसपैठ करने की कोशिश लगातार करता रहता है।
“Troops from China were temporary detained by Indian soldiers in Arunachal Pradesh’s Tawang”https://t.co/Ro5b98ILwS
— Mihir Shah (@elmihiro) October 8, 2021
इसी क्रम में भारत के अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में हाल ही के दिनों में चीन के सैनिको ने अवैध घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना के जाबांज सैनिको ने नाकाम कर दिया। न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सूत्रों के जरिए यह बताया गया, कि चीन के तकरीबन दो सौ सैनिको ने चीनी कब्जे वाले तिब्बत के रास्ते भारत में घुसकर खाली पड़े बंकरों को ध्वस्त करने की कोशिश की, जिसके बाद भारतीय जवानो ने चीनी घुसपैठियों को मुंहतोड़ जबाब देकर वापस खदेड़ दिया।
न्यूज 18 को को मिली जाकारी के अनुसार, घुसपैठ की यह घटना पिछले सप्ताह LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) के नजदीक बुम ला और यांग्त्से के सीमांत दर्रे के मध्य हुई थी। चीनी घुसपैठ का मामला संज्ञान में आते ही मौके पर तैनात भारतीय जवानो ने चायनीज सैनिको का मुकाबला करते हुए कुछ PLA सैनिकों को अपनी हिरासत में भी ले लिया था।
न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन बॉर्डर का औपचारिक रूप से सीमांकन नहीं किया गया है। दोनों पड़ोसी राष्ट्र की सीमा रेखा पूर्व निर्धारित धारणा पर आधारित है, कई बार दोनों देश अपनी-अपनी धारणा के अनुसार सीमा रेखा में पेट्रोलिंग करते है। सीमा रेखा पर गश्त के दौरान दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार के विवाद अथवा असहमति की परिस्थिति में प्रोटोकॉल के अनुसार शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकाला जाता है।
न्यूज 18 के हवाले से कहा गया है, कि अवैध घुसपैठ के बाद इस मुद्दे को स्थानीय स्तर पर सैन्य कमांडरों द्वारा सुलझा लिया गया है। जिसके बाद हिरासत में लिए गए चीनी सैनिकों को छोड़ दिया गया। घुसपैठ की घटना पर फिलहाल भारतीय सेना द्वारा कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। हालाँकि रक्षा और सुरक्षा से जुड़े सूत्रों ने न्यूज 18 को बताया, कि घुसपैठ की घटना में भारतीय सुरक्षा बलों को कोई हानि नहीं पहुंची है।