भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास स्थित अति दुर्गम क्षेत्र सियाचिन में वीरगति को प्राप्त उत्तराखंड राज्य के पाबौ विकासखंड धारकोट के निवासी दिवंगत विपिन सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार के दिन उनके पैतृक गांव पहुंचा। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांव जाकर शहीद के परिवार से मिलकर अपनी शोक संवेदनाये प्रकट की।
आज ग्राम धारकोट, पौड़ी गढ़वाल जाकर शहीद विपिन सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर ईश्वर से दिव्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने हेतु प्रार्थना की। pic.twitter.com/884BdFycDY
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 12, 2021
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वीरगति को प्राप्त दिवंगत विपिन सिंह को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी द्वारा शहीद के परिजनों को सांत्वना प्रकट करते हुए कहा, कि वीरगति को प्राप्त दिवंगत विपिन सिंह के परिजनों को प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा कहा गया, कि शहीद विपिन सिंह एक परिवार का ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र का बेटा है। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा शहीद के गांव में स्थित इंटर कॉलेज और गांव के सड़क मार्ग का नामकरण शहीद विपिन सिंह के नाम पर किये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री धामी के साथ इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी और जिलाधिकारी डॉ. विजय जोगदण्डे सहित एसएसपी पी रेणुका देवी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है, कि वीरगति को प्राप्त दिवंगत विपिन सिंह 57 बंगला इंजीनियरिंग में तैनात थे। 24 वर्षीय शहीद विपिन सिंह लगभग चार साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुए थे, और इन दिनों वे सियाचिन में तैनात थे। सियाचिन में गश्त के दौरान पैर फिसलने से ग्लेशियर की चपेट में आ जाने की घटना के कारण विपिन सिंह शहीद हो गए थे। शहीद विपिन सिंह के माता पिता गांव में निवास करते है। शहीद के पिता भी भारतीय सेना में रह चुके है जबकि शहीद के बड़े भाई भी भारतीय सेना में कार्य करते है। बताया जा रहा है, कि शहीद विपिन सिंह इस वर्ष मार्च महीने में छुट्टी पर घर आये थे।