महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज शिप में ड्रग्स छापेमारी का मामला नित नए मोड़ ले रहा है। इस मामले जहाँ एक ओर मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को एनसीबी से जमानत मिल गई है, वहीं छापेमारी का नेतृत्व कर रहे एनसीबी के डायरेक्टर जनरल समीर वानखेड़े के खिलाफ राजनीती तेज हो चुकी है।
मुंबई में फैले नशे के कारोबार को ध्वस्त करने के अभियान के दौरान समीर वानखेड़े के पीछे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मालिक हाथ धो कर पढ़ गए है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मालिक कभी समीर वानखेड़े के धर्म के बारे में, तो कभी उनकी पत्नी के बारे में और अब उन्होंने उनकी साली पर अपने बयानबाजी कर रहे है।
एनसीपी नेता नवाब मालिक लगातार समीर वानखेड़े के व्यक्तिगत जीवन पर हमला कर रहे है। इन्हीं सब आरोपों से व्यथित एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े द्वारा हाल ही में नवाब मालिक पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया था। इसी मामले की सुनवाई आज सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीपी नेता नवाब मालिक से जवाब दाखिल करने को कहा है।
बॉम्बे उच्च न्यायलय द्वारा एनसीपी नेता नवाब मालिक को मंगलवार तक का वक्त देते हुए कहा है, कि कल तक नवाब मालिक अपना जवाब अदालत में दाखिल करें। इसके बाद मानहानि के मुकदमे की अगली सुनवाई 10 नवंबर को की जाएगी।
Defamation suit filed by Dnyandev Wankhede (in file photo), father of Mumbai NCB Zonal Director Sameer Wankhede, against Maharashtra Minister Nawab Malik adjourned for 10th November. HC has asked Nawab Malik to file a reply on Wankhede's plea by tomorrow. pic.twitter.com/IiJTc0gdwd
— ANI (@ANI) November 8, 2021
समीर वानखेड़े के अधिवक्ता के मुताबिक, न्यायलय में दाखिल मानहानि केस में यह कहा गया है, कि एनसीपी नेता नवाब मलिक ने पूर्वाग्रह के चलते एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के परिजनों के नाम, सामाजिक प्रतिष्ठा और चरित्र हनन के साथ ही उनकी छवि को हानि पहुंचाई है।
समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव द्वारा यह मांग की गयी है, कि एनसीपी नेता नवाब मलिक और उनकी पार्टी के नेताओं समेत अन्य सभी को उनके और उनके परिवार के विरुद्ध मीडिया में आपत्तिजनक, मानहानिकारक लेख लिखने, बोलने या प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगाया जाये।
एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा, कि एनसीपी नेता नवाब मलिक की ओर से दिए गए लिखित और मौखिक बयान की वजह से उनके और परिवार की छवि को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। इस प्रकार के आरोप पूर्णतः अत्याचारी और मानहानिकारक है। इसके साथ ही समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव ने उच्च न्यायलय से अपील करते हुए कहा है , कि नवाब मलिक के डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी किये गए सभी बयान शीघ्र से शीघ्र हटाए जाये।
मानहानि के मुकदमे की सुनवाई के दौरान जस्टिस जामदार की वैकेशन बेंच द्वारा नवाब मलिक को निर्देश देते हुए कहा, कि यदि आप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विवटर पर रिप्लाई दे सकते है, तो आप यहां भी जवाब दाखिल करे। हालांकि, अदालत ने नवाब मलिक के किसी बयान पर रोक लगाने का निर्देश जारी नहीं किया है। गौरतलब है, कि इससे पूर्व बीजेपी नेता मोहित कंबोज ने भी एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के विरुद्ध 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था।