उत्तराखंड की वादियों में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए मत्स्य उत्पादन विभाग फिशिंग (एंगलिंग) के दायरे को विस्तृत करने जा रही है। वर्तमान में पर्यटक पौड़ी, चमोली, उत्तरकाशी, देहरादून और बागेश्वर की नदियों में ही मत्स्य आखेट कर पा रहे थे, किन्तु अब पर्यटक नैनीताल जिले से होकर गुजरने वाली सहायक नदियो में भी एंगलिंग कर सकेंगे।
फिशिंग (एंगलिंग) बीट आवंटन के जरिए मत्स्य उत्पादन विभाग महिला स्वयं सहायता समूह, युवक मंगल दल अथवा किसी भी पात्र आवेदनकर्त्ता को नदियों का एक निश्चित भाग आवंटित करेगा। जानकारी के लिए बता दें, फिशिंग (एंगलिंग) की सुविधा वर्तमान में प्रदेश के 5 जनपदों में चालू थी। इनमे प्रमुख रूप से उत्तरकाशी, चमोली, देहरादून, पौड़ी, और बागेश्वर शामिल है।
मत्स्य उत्पादन विभाग द्वारा नदियों के अतिरिक्त नैनीताल जनपद में स्थित सातताल, नौकुचियाताल और भीमताल झील में भी फिशिंग (एंगलिंग) के परमिट जारी किए जाते हैं। बता दें, ये झीलें महासीर मत्स्य पालन के लिए काफी समृद्ध मानी जाती है।
मत्स्य उत्पादन विभाग के अनुसार, फिशिंग (एंगलिंग) बीट के आवंटन से पर्यटक रोमांच का अनुभव करेंगे, इसके अलावा इससे राज्य में पर्यटन की गतिविधियों को भी को बढ़ावा मिलेगा। इसके जरिये स्थानीय निवासियों को रोजगार उपलब्ध होगा। विभाग के अनुसार यदि फिशिंग (एंगलिंग) बीट आवंटन के दौरान एक से अधिक आवेदन प्राप्त होए है, तो 5 हजार रुपये से बोली लगाई जाएगी।
मत्स्य विभाग के अनुसार, नदी में जिस स्थान को फिशिंग (एंगलिंग) बीट आवंटन के लिए चयनित किया जायेगा, उस जगह पर विभाग द्वारा फिशिंग के दौरान पर्यटकों के रुकने के लिए हट का निर्माण कराया जायेगा। फिशिंग (एंगलिंग) बीट के इच्छुक स्थानीय लोग अथवा संस्थाएं विभाग में सामान्य आवेदन प्रस्तुत कर सकते है।