उत्तर भारत में मौसम का मिजाज तेजी से रुख बदलने लगा है। सुबह और शाम के मौसम में परिवर्तन नजर आने लगा है। भारत में शीत ऋतु का आगमन शरद पूर्णिमा के बाद से माना जाता है। मौसम विभाग के एक अनुसार, इस वर्ष देश में ठंड ज्यादा ठिठुरन पैदा करने वाली होगी। इस बार की ठंड पिछले कुछ वर्षो के मुकाबले ज्यादा कठोर होने वाली है।
उत्तराखंड के कई क्षेत्र शीत लहर कि चपेट में है। खासकर राजधानी देहरादून समेत हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में हल्का कोहरा छाये रहने से तापमान के ग्राफ में लगातार गिरावट आ रही है। राजधानी देहरादून में अधिकतम तापमान सबसे अधिक 23 0 डिग्री से नीचे रहा, जबकि न्यूनतम तापमान चार डिग्री से काम दर्ज किया गया।
उत्तराखंड में शीत लहर के साथ-साथ कड़ाके की सर्दी ने मुश्किलें बढ़ा दी है। मौसम के मिजाज में परिवर्तन के चलते स्वास्थ्य के बिगड़ने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार यह वातावरण वायरस के संक्रमण के लिए अनुकूल माना जाता है। जिसके कारण चिकित्सक भी इस समय स्वास्थ्य को लेकर विशेष ध्यान देने की सलाह देते है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ ठंड के मौसम में कुछ विशेष सावधानियां रखने की सलाह देते है। कड़ाके की सर्दी में शरीर को गर्म कपड़ों से अच्छी तरह ढक कर रखे। विशेषतौर पर हाथो, पैरो, सिर और कान को ढक कर रखे। भोजन में तैलीय और सैचुरेटेड वसायुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करे।
इसके साथ ही सर्दी के मौसम में मौसमी फल, सब्जियों का भरपूर मात्रा में सेवन करें। पीने के गुनगुने पानी का का प्रयोग करे। इसके अलावा नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम और सुबह की सैर करें, और कम से कम 7 से 8 घंटे की भरपूर नींद ले। ठंड में अपने ब्लड शुगर और कैल्ट्रॉल पर कंट्रोल का प्रयास करें और नमक का सेवन भी सीमित मात्रा में करें।