ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ‘विंडसर कैसल’ महल में क्रिसमस के जश्न के बाद एक युवक को महल में हथियार लेकर घुसने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। युवक की गिरफ्तारी के बाद महल के सुरक्षाकर्मियों ने युवक से हथियार भी बरामद किये।
खबरों के अनुसार, पुलिस द्वारा जांच पड़ताल के दौरान एक वीडियो सामने आई, जिसमें एक युवक आरी कमान हाथ में लेकर ब्रिटेन की महारानी को अमृतसर में हुए जलियाँवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए जान से मारने की धमकी दे रहा है। पुलिस को मिले इस वीडियो में युवक ने हाथ में हथियार पकड़ा है, और अपनी आवाज बदलकर महारानी को धमकी दे रहा है।
Intruder arrested for breaching home of Queen Elizabeth II https://t.co/Dz2rugZtn9
— Danfe TV (@DanfeTv) December 27, 2021
जांच एजेंसियों का अनुमान है, कि वीडियो जारी कर धमकी देने वाला व्यक्ति और महारानी के महल में घुसपैठ करते वक्त पकड़ में आया युवक दोनों एक ही है। धमकी वाले वीडियो में नजर आ रहे युवक की पहचान जसवंत सिंह चैल के रूप में हुई है।
जसवंत सिंह चैल ने क्रिसमस के अगले दिन मैसेंजर ऐप स्नैपचैट पर सुबह 8:06 पर एक वीडियो अपलोड कर कहा, कि मुझे दुख है, जो मैंने किया उसके लिए और मैं ये जरूर करूँगा। मैं राज परिवार की महारानी एलिजाबेथ की हत्या की कोशिश करुँगा। यह उन लोगों का प्रतिशोध है, जो 1919 के जलियाँवाला बाग हत्याकांड में बेवजह कत्ल कर दिए गए।
धमकी भरे वीडियो में जसवंत आगे कह रहा है, कि ये बदला उन लोगों का भी प्रतिशोध है, जिन्हें नस्लीय भेदभाव का शिकार बनाया गया है। उसने कहा, कि मैं एक भारतीय सिख हूँ, और मेरा नाम जसवंत सिंह चैल था, लेकिन अब मेरा नाम डार्थ जोन्स है। खबरों के अनुसार, इस वीडियो में डॉर्थ जोन्स ने अपने चेहरे को हुडी और मुखौटे से ढक रखा है।
जानकारी के अनुसार, महारानी के महल में घुसने के दौरान पकड़े गए युवक का नाम अभी पुलिस ने सार्वजनिक नहीं किया है। हालाँकि अंदाजा लगाया जा है, कि सीसीटीवी में दिख रहे युवक और वीडियो में नजर आ रहे युवक दोनों एक ही शख्स है, क्योंकि उसके पास वीडियो में दिखाई दे रहे आरी-कमान ही बरामद किये गए है। फिलहाल युवक को मेंटल हेल्थ एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है, कि वीडियो में धमकी देने वाला युवक जिस नरसंहार का बदला महारानी से लेने कि बात कर रहा है, वो नरसंहार 1919 ब्रिटिश शासन के दौरान जलियाँवाला बाग में हुआ था। इस सामूहिक नरसंहार में ब्रिटिश सेना ने 13 अप्रैल 1919 को असंख्य निर्दोष प्रदर्शनकारियों का नरसंहार किया था। जिसका बदला महान क्रांतिकारी ऊधम सिंह ने विदेश में अंग्रेजी अधिकारी को मौत के घाट उतार कर लिया था।