वर्ष 2008 में महाराष्ट्र के मालेगाँव बम विस्फोट मामले में एक गवाह ने विशेष एनआईए अदालत में दावा किया, कि आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) ने उसे प्रताड़ित कर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के चार नेताओं के नाम लेने के लिए मजबूर किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार (28 दिसंबर 2021) को विशेष एनआईए अदालत को गवाह ने बताया, कि यह बयान महाराष्ट्र एटीएस ने उस समय दर्ज किया था, जब टास्क फोर्स मामले की जांच कर रही थी। उल्लेखनीय है, कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह उस वक्त एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त थे, जब एटीएस ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच पड़ताल की थी।
2008 Malegaon blast case | A witness tells Special NIA court that he was tortured by ATS, the then probe agency of the case. He also told the court that ATS forced him to falsely name Yogi Adityanath and 4 other people from RSS.
— ANI (@ANI) December 28, 2021
विशेष एनआईए में अपने पहले दिए बयानों से पलटते हुए गवाह ने एटीएस पर आरोप लगाते हुए कहा, कि एटीएस ने उसे पकड़ कर सात दिन तक बंद करके जमकर प्रताड़ित किया। इसके साथ एटीएस ने उसके परिजनों को भी इस मामले में फँसाने की धमकी दी थी।
गवाह ने कोर्ट में कहा, कि एटीएस ने उसे बीजेपी के तत्कालीन गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के साथ ही आरएसएस संगठन के इंद्रेश कुमार, देवधर, काकाजी और स्वामी असीमानंद का नाम लेने के लिए घनघोर प्रताड़ित किया गया था। गौरतलब है, कि मालेगाँव ब्लास्ट केस में अब तक करीब 218 लोगों की गवाही दर्ज हुई है, जिसमें से लगभग 13 गवाह अपने बयानों से पलट चुके है।
बता दें, 2008 में एटीएस के तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त परमबीर सिंह वर्तमान में अवैध जबरन वसूली के कई मामलों का सामना कर रहे है। इसके अलावा जबरन वसूली और अन्य आरोपों के चलते परमबीर सिंह को इसी माह विभाग से निलंबित भी कर दिया गया था। जबरन वसूली के आरोपों के बाद वह कई दिनों तक लापता भी रह चुके है।
जानकारी के लिए बता दें, कि इससे पहले अगस्त महीने में मालेगांव ब्लास्ट में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के विरुद्ध बयान देने वाला गवाह भी मुकर गया था। इसके बाद स्पेशल एनआईए कोर्ट ने उस गवाह को पक्षद्रोही करार दिया था। आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने एक ऑडियो संदेश में कहा, कि इस गवाह के बयान ने यह सिद्ध कर दिया है, कि उस समय के कथित भगवा आतंकवाद के सभी (दर्ज) मामले कांग्रेस द्वारा अपनी दूषित राजनीति के अंतर्गत रचा षड़यंत्र था।
उल्लेखनीय है, कि 2008 सितंबर माह में मालेगाँव स्थित एक मस्जिद के नजदीक हुए बम धमाकों में छह लोगों की मौत हो गई थी। इस धमाके में लगभग 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। जांच के बाद पता चला, कि मस्जिद के समीप एक बाइक में बंधे विस्फोटक से धमाके को अंजाम दिया गया था। इस मामले में भोपाल से भाजपा की लोकसभा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, सुधाकर चतुर्वेदी, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी और अजय रहिरकर को भी एटीएस ने आरोपी बनाया था।